बलरामपुर(22जुलाई2015)- भले ही समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता लाख दावा करें कि सपा सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस अक्सर ऐसे कारनामों को अंजाम दे डालती है कि सरकार के दावों पर अनायास यकीन करने को मन नहीं करता। मामला है महाराजगंज के थाना तराई क्षेत्र के गांव महादेव गोसांई का। जहां की एक महिला ने देवीपाटन के डीआईजी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि पुलिस उसके साथ दंबगों द्वारा किये गये रेप के मामले को दबाने के लिए दबाव बना रही है। साथ ही दबाव बनाने के लिए उसके पति को भी फंसा रही है।
पत्र में शिकायत के मुताबिक पीड़ित महिला फूलमती का कहना है कि उसके साथ 31 मई 2012 को गांव के ही एक दबंग ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़ित महिला फूलमती (25) ने डीआईजी देवीपाटन मंडल को पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित का कहना है कि मई 2012 मे उसी गांव के लेखपाल यादव ने उसके साथ दुष्कर्म किया। न्यायालय के आदेश पर थाना महराजगंज पुलिस ने मामला दर्ज तो किया था। लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी करने के बजाए मामले में एफआर लगा दी गई। जिसके बाद न्यायालय ने पुन: निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। महिला का आरोप है कि पुलिस ने मामले मे सुलह कराने का दबाव बनाना शुरू किया और कहना न मानने पर उसके पति संतराम के बिरूद्ध दुष्कर्म का फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। पुलिस के कार्यशैली को लेकर पीड़िता ने डीआईजी से न्याय की मांग की है। इस मामले पर थानाध्यक्ष महराजगंज तराई ने बताया कि उन्हे अभी तक न तो कोर्ट और न डीआईजी का कोई भी आदेश मिला है। उनका कहना है कि आदेश मिलने पर नियमानुसार कार्यवाई की जाएगी ।