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गाजियाबाद(6 मार्च2025) ऐतिहासिक श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण में प्रमुख द्वार और यात्रियों के निवास के लिए निर्माण का शुभारंभ हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने काशी के विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन के महाकालेश्वर की तर्ज पर इस कॉरिडोर बनाकर मंदिर का काशी के की तर्ज पर जीर्णोद्धार करने का फैसला किया था। जिसके तहत अब यह निर्माण शुरू हुआ है।
इसके बारे में जानकारी देते हुए मंदिर के महंत नारायण गिरी ने बताया कि ऐतिहासिक श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर से गाजियाबाद की पूरे विश्व में अलग पहचान है। मंदिर में लंका नरेश रावण के पिता से लेकर रावण तथा छत्रपति शिवाजी महाराज तक पूजा-अर्चना के लिए आचुके हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर की ऐतिहासिकता के मद्देनजर केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार ने कॉरिडोर बनाकर मंदिर का काशी के विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन के महाकालेश्वर की तर्ज पर जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया था। कॉरिडोर के अन्तर्गत प्रमुख द्वार के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है जबकि यात्रियों के लिए निवास का कार्य भी जल्दी ही शुरू होने जा रहा है। कॉरिडोर का कार्य पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से किया जा रहा है। निर्माण का कार्य शुरू कराने के लिए मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज व मंदिर के पीठाधीश्वर श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष महंत नारायण गिरि महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का आभार जताया है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर भगवान राम का भव्य मंदिर बना और 500 वर्ष के बाद रामलला विराजमान हुए। आज अयोध्या का भव्य मंदिर पूरे विश्व में धर्म व आध्यात्म का प्रमुख केंद्र बन गया है। इस मंदिर की स्थापना खुद लंकापति रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने की थी। रावण भगवान दूधेश्वर की पूजा करने के लिए आता था। छत्रपति शिवाजी महाराज ने मंदिर में पूजा-अर्चना करने के साथ मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराया था। उन्होंने कहा कि मंदिर की बहुत अधिक मान्यता होने से यहां विश्व भर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। मंदिर में कॉरिडोर बनने से जहां उत्तर प्रदेश में पयर्टन को बढावा मिलेगा और धर्म व भारतीय संस्कृति का परचम पूरे विश्व में फहरेगा साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा।