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Sahakar Bharti सहकार भारती के सहकार डाटा कलेक्शन पोर्टल का शुभारंभ

Sahakar Bharti  अमृतसर (10दिसंबर2024) सहकार भारती के 8 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ ठाकुर  ने सहकार भारती के सहकार डाटा कलेक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया । उन्होंने इस मौके पर बोलते हुए वर्तंमान परिदृश्य में सहकारिता की हालत और सहकार भारती के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसी कोइ भी व्यवस्था जो जीवंत है उसके मूल आधार में परस्पर सहयोग की भावना है जो अंतर्मन से प्रकट होती है थोपी नहीं जा सकती । सहकारिता केवल आर्थिक व राजनितिक महत्वकांक्षा का माध्यम नहीं है बल्कि सामाजिक समरसता के निर्माण का साधन है ।यदि समाज में समरसता नहीं है तो समाज में शांति नहीं होगी ।

उन्होंने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा की वर्त्तमान परिवेश में अधिकांश सहकारी समितियां अपने मूल तत्त्व से दूर जा रही है। सहकार संस्कार के बिना विकसित भारत चरितार्थ नहीं हो सकता। हमें अपने पुरातन संस्करों पर लौटना होगा । अपने मूल स्वरुप से विमुख होकर कोई राष्ट या समाज विकास नहीं कर सकता । उन्होंने कहा मुझे विश्वास है कि सहकार भारती ही एक मात्र ऐसा संगठन है जो सहकारिता को विश्व पटल पर नई दिशा और दशा दे सकता है । अगले सत्र में नव निर्वाचित अध्यक्ष और महामंत्री उदय जोशी और दीपक चौरसिया ने आगामी 3 वर्ष के लिए नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की । राष्ट्रीय संगठन मंत्री संजय पचपोर ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संगठन को सशक्त करने का मंत्र दिया तथा पंजाब प्रान्त के कार्यकर्ताओं को सफल आयोजन की प्रशंसा की ।

समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौजूद थे। इस मौके पर उन्होंने सहकार भारती की स्मारिका का विमोचन किया । पूरे देश से आये 2500 से ज्यादा सहकार भारती के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की इस राष्ट्रीय अधिवेशन में सहभागी होते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है क्योंकि मैं भी स्वयं सहकारिता क्षेत्र में कार्य कर रहा हूँ और सहकार भारती से जुड़ा रहा हूँ । जिस दिन हर गरीब की मूलभूत आवश्यकताएं पूर्ण हो जाएँगी उस दिन महात्मा गाँधी के रामराज्य की परिकल्पना पूर्ण होगी । साथ ही उन्होंने कहा कि हम पंजाब की एतिहासिक भूमि पर हैं, स्वर्णमंदिर के प्रति सबकी आस्था है । हमारे धर्म के लिए क़ुरबानी देने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी की यह पुण्य भूमि है ।

उन्होंने सहकार भारती के घोष वाक्य बिना संस्कार नहीं सहकार, बिना सहकार नहीं उद्धार पर चर्चा करते हुए कहा कि सहकार भारती उन संस्थाओं में से है जो यह विचार करती है कि सुखी समृद्ध और शक्तिशाली समाज का निर्माण कैसे हो ।  हमें देश को विश्वगुरु बनाना है जो सभी के प्रयास से बनेगा यह सहकार से ही संभव है । सबको साथ लेकर काम करना यही सहकार भारती का मुलभुत तत्वा है । मुझे बहुत ख़ुशी है की सहकारिता क्षेत्र में विभिन समिति विशेषकर क्रेडिट समितियों ने अन्त्योदय का कार्य किया है । सहकारिता क्षेत्र में काम करना है तो भ्रष्टाचार और राजनीती से ऊपर उठकर ईमानदारी से कार्य करना होगा । किसी भी सहकारी संस्था को चलने के लिए विश्वसनीयता आवश्यक है । साथ ही उन्होंने अपने द्वारा किये गए नवीनतम विकास के प्रयोग का वर्णन किया और बताया की कैसे भारत का किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जा और इंधन दाता भी बन रहा है । हमें आत्म निर्भर भारत बनाना है तो गाँव गरीब मजदूर और किसान का उद्धार करना होगा जो निश्चित रूप से सहकारिता के माध्यम से ही संभव है और पंजाब में कृषि आधारित समितियां यह संभव कर सकती हैं तथा पंजाब सहित समस्त राष्ट्र में सहकार भारती भी इसके लिए कार्य करे । इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सहकार भारती की विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया । अंत में आभार प्रदर्शन पंजाब सहकर भारती के वरिष्ठ कार्यकर्ता अश्विनी मल्होत्रा ने किया।

दूसरे दिन के अंतिम सत्र में निर्वाचन की प्रक्रिया के माध्यम से सहकर भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री के पद का चुनाव हुआ जिसमें डॉ उदय जोशी को राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा दीपक चौरसिया को राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में सर्वसम्मति से चुना गया था । चुनाव अधिकारी के नाते सहकर भारती के संरक्षक रमेश वैद्य  ने सत्र का कार्यभार निर्वहन किया ।

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