ग़ाज़ियाबाद: कुछ लोग किसी ख़ास क्षेत्र में भले ही देखने में बहुत बड़ा व्यक्तित्व हों लेकिन उनकी असल प्रतिभा कहीं ऊंची और महान होती जो वो आमतौर पर नज़र आते हैं। कुछ ऐसी ही शख्सियत हैं ग़ाज़ियाबाद के एडीएम जनाब गंभीर सिंह। जिनको जन मानस केवल एक ईमानदार, मेहनती और जनता ख़ासतौर से गरीबों का हमदर्द अधिकारी मानता है। लेकिन गंभीर सिंह जी के व्यक्तित्व में जो दूसरी प्रतिभाएं हैं उनका अवलोकन करने पर उनके नाम के मुताबिक एक गंभीर और सरल मार्गदर्शक, कमजोरों व बेसहारा लोगों के लिए दर्द रखने वाला इंसान सामने नज़र आते हैं। गंभीर सिंह युवा पीढ़ी को स्वावलंबी बनाने के लिए मानो बेचैन रहते हैं। इस सबके लिए उनके पास एक मूल मंत्र है शिक्षा। अगर संक्षिप्त में कहा जाए तो गंभीर सिंह जी के भीतर एक शानदार शिक्षक समाज को अपना बेहतरीन अर्पित करने को तत्पर रहता है।
शिक्षक दिवस पर ऐसे हर उस शिक्षक को सलाम जो अपनी लाख ज़िम्मेदारी के बावजूद समाज को युवा पीढ़ी को ख़ासतौर पर देश को संवारने का सपना पाले रहता है। उन्होंने अपनी एक कोशिश का। वृतांत भेजा, सादर अपने पाठकों को समर्पित है। सुनिए गंभीर सिंह जी की ज़ुबानी…
आज गाज़ियाबाद के बहुत सारे अच्छे अध्यापकों को Best Teacher awards से सम्मानित किया गया साथ ही टॉप 11 ऐसे स्कूलों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत RTE में सबसे अधिक एडमिशन दिये। शिक्षक दिवस पर जगह जगह यदि हमारे गुरुजनों को सम्मान के लिए कार्यक्रम चलाये जाये तो देश में शिक्षा क्रांति आयेगी । आपको बता दू जब जापान में अमेरिका ने बम गिरा कर तहस महस किया तब जापान के टीचर ने ही प्रण लिया की अपने देश को फिर से खड़ा करना है और उन लोगो ने अपने देश को पुनः विश्व शक्ति के
रूप में खड़ा किया दोस्तों अगर हम अपने गुरु का सम्मान वापस उस तरह का देना शुरू कर दे तो समाज और देश बहुत आगे होगा, सभी गुरु जनों को मेरी तरफ से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । जय हिन्द जय शिक्षा क्रांति।