गाजियाबाद। रिश्वत और कुछ अनियमितताओं का पुलिस से पुराना नाता है,इस बार गाजियाबाद पुलिस पर संगीन आरोप लगा है, यहां के मसूरी थाने में तैनात एक दरोगा को धोखाधड़ी के मामले में दर्ज हुई एक एफआईआर में फाइनल रिपोर्ट यानि एफआर लगाने के नाम पर चार लाख की रिश्वत मांगने के आरोप एक दरोगा पर लगा है। जिसके बाद आरोपी दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में दरोगा द्वारा एक फैक्टरी के प्रतिनिधि के साथ रिश्वत मांगने का ऑडियो भी शिकायतकर्ता ने पुलिस के आला अफसरों को सौंप दिया है।
दरअसल हापुड़ जनपद के एक कारोबारी उमेद ने मसूरी थाने में मीट कारोबारी की पत्नी व बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप था कि यह लोग उसके 59 लाख रुपए वापस नहीं कर रहे हैं। इस मामले की जांच मसूरी थाने में तैनात दरोगा रणविजय को सौंपी गई थी। चर्चा है कि रणविजय और इस फैक्टरी के प्रतिनिधि ने मामले में एफआर लगाकर मामले को खत्म करने की बात की। आरोप है कि इसके एवज में दरोगा ने चार लाख रुपये की रिश्वत मांगी। इसी को लेकर प्रतिनिधि और दरोगा के बीच फोन पर बात हुई और 25 दिन में इसका ऑडियो बनाकर पुलिस के उच्च अधिकारियों को शिकायत कर दी गई। प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। डीसीपी ग्रामीण विवेक कुमार यादव ने बताया कि मामले की विभागीय जांच की जा रही है।दरोगा पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है।