punjabnews (2 मई 2023) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल का निधन पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देशवासियों के लिए बहुत बड़ी दुखद सूचना है। खतौली के विधायक मदन भैय्या ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि उनके निधन से पंजाब की राजनीति में हुई रिक्ति की भरपाई होना निकट भविष्य में नजर नहीं आ रहा है। अकाली दल में उनकी कमी जरूर खलेगी। उनकी राजनीतिक सूझबूझ का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पंजाब में हिंदू सिख भाईचारे की नई नींव रखी और आपसी तनाव को जड़ मूल खत्म करने का काम किया। बादल के अच्छे व्यवहार की वजह से सभी दलों में उनके चाहने वाले लोगों की कमी नहीं है। प्रकाश सिंह बादल पंजाब में सियासत की नई बयार लाए थे। प्रकाश सिंह बादल ने 1947 में सबसे पहले सरपंच पद के चुनाव में जीत हासिल करके राजनीति में कदम रखा था। उस समय उन्हें सबसे कम उम्र के सरपंच बनने का खिताब मिला था। बाद में प्रकाश सिंह बादल को 30 मार्च 2015 को पद्म विभूषण से खिताब से सम्मानित किया गया। प्रकाश सिंह बादल से उनका विशेष जुड़ाव रहा और उनके राजनीतिक सफर से बहुत कुछ सीखने को मिला। प्रकाश सिंह बादल के निधन से उन्हें व्यक्तिगत रूप से बहुत दुख पहुंचा है।
बादल को विनम्र श्रद्धांजली अर्पित करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार और पंजाब वासियों को दुख सहने की सामर्थ्य प्रदान करें।
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