जीडीए में नक्शे का खेल-नियम की नहीं अंडर दि टेबल की रेलमपेल
2 पास कराए ऊपर से 2 अंडर दि टेबल .. नहीं समझे…ज़रा ग़ौर से पढ़िए। ये गेम खेला गया गाजियाबाद में । वो भी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों के आशीर्वाद से। जिसमें 4 मंजिला एक इमारत खड़ी कर दी गई लेकिन महज़ 2 मंजिलों का नक्शा फाइलों में पास कराकर बाकी 2 मंजिलों में कथिततौर पर जीडीए अधिकारियों की जेब गरम करके यानि अंडर दि टेबल मोटी कमाई का गेम।
जी हां हम बात कर रहे हैं एक ऐसे मामले की जिसमें गाजियाबाद विकास प्राधिकरण पर न सिर्फ नियमों के विरुद्ध बल्कि माननीय हाईकोर्ट तक के निर्देशों का कथित उल्लंघन का भी आरोप लग रहा है। मुरादनगर निवासी शिकायतकर्ता रविंद्र कुमार ने जीडीए यानि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण व सूबे के मुखिया तक से लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि यहां के ग्राम जगोला, झंडापुर और पसोंडा की लगभग 135 एकड़ भूमि पर स्थापित दुर्गा इंटरप्राइजेज नामक कंपनी को राज्य सरकार ने ग्लास निर्माण इकाई लगाने के लिए सशर्त पट्टे पर आवंटित की थी। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता रविंद्र कुमार ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि चूंकि वर्तमान में इस भूमि पर स्थित दुर्गा इंटरप्राइजेज में ग्लास बनाने जैसा कोई कार्य नहीं किया जा रहा था। इसकी वजह से इस भूमि का पट्टा राज्य सरकार द्नारा निरस्त किया गया था। लेकिन साल 1991 में मामला हाइकोर्ट तक जा पहुंचा। और माननीय हाइकोर्ट ने इस मामले में दुर्गा इंटरप्राइजेज को राहत देते हुए उपयोग कर सकने के निर्देश दिये, साथ ही हाइकोर्ट ने यह भी निर्देशित भी किया कि यदि दुर्गा इंटरप्राइजेज किसी दूसरे कार्य के लिए आवंटित भूमि का उपयोग करना चाहती है तो नियमानुसार लैंड यूज चेंज कराया जाए। लेकिन इस सबके बावजूद भूमि का लैंड यूज चेंज कराए बगैर ही दुर्गा इंटरप्राइजेज द्वारा ग्लास निर्माण के बजाय छोटे छोटे प्लाट काटकर आवासीय निर्माण कराया जा रहा है। शिकायतकर्ता रविंद्र कुमार का आरोप है कि इस मामले में दुर्गा इंटरप्राइजेज द्वारा कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट करते हुए एक औधोगिक भूखंड पर आवासीय योजनाएं बनाई जा रही हैं। लेकिन इस मामले में सबसे गंभीर आरोप लग रहे हैं जीडीए के अधिकारियों पर । शिकायतकर्ता का आरोप है कि जीडीए यानि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा नियमों के विरुद्ध जाकर न सिर्फ नक्शे पास किये जा रहे हैं बल्कि प्लाट संख्या एफ-11 पर महज़ दो मंजिला इमारत बनाने के लिए नक्शा पास करने के बाद चार मंजिला से भी ऊपर बिस्डिंग बनाने का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि शिकायतकर्ता रविंद्र कुमार ने मई 2022 में जीडीए उपाध्यक्ष को दी गई अपनी लिखित शिकायत में नियमों के उल्लघन को विस्तार से बताते हुए जीडीए के कुछ कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन फिलहाल हम जीडीए के अधिकारियों से उनकी प्रतिक्रिया के बाद इस पूरे मामले को अपने पाठकों व दर्शकों तक पंहुचाएगे। हम शिकायतकर्ता की लिखित शिकायत की प्रति व मौके पर हो रहे निर्माण की तस्वीरें आप तक पहुंचा रहे हैं।
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