ghaziabad news पशुपालकों के लिए राहत की ख़बर
गाजियाबाद-गरीब, पिछड़ा, मज़़दूर, किसान या कमज़ोर होना यकीनन एक चुनौती है लेकिन अगर सरकार ख़ासतौर से सरकारी मशीनरी जनहित में कार्य कर करती है और जनता को राहत देने के लिए सोचती है तो किसान मजदूर या गरीब का संघर्ष न सिर्फ घट जाता है बल्कि उसका जीना भी आसान हो जाता है। दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र में केंद्र से लेकर राज्यों तक की सरकारें अक्सर जनहित में कुछ लाभकारी योजवाएं लाती रहती है। वर्तमान में केंद्र के अलावा उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने भी समाज के हर तबके की भलाई की लिए यूं तो कई लाभकारी योजनाएं शुरु की हैं, मगर पशुालक समाज भले ही समाज का बेहद ख़ास अंग है लेकिन अक्सर उसकी ओर लोगों की खासतौर से सरकारी मशीनरी की नज़र कम ही रहती है। जी हां हम बात कर रहे हैं हर घर को अमृत यानि दूध उपल्बध कराने वाले पशुपालक समाज की। और जिसके लिए सरकार एक बेहद लाभकारी योजना लाई है।
दरअसल गाजियाबाद के सीडीओ विक्रमादित्य सिंह मलिक ने जानकारी दी है कि सरकार की ओर से पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। गाजियाबाद के चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर श्री मलिक के मुताबिक कुछ पशुपालकों के पास अपने कारोबार के लिए बैंक या किसी वित्तीय संस्थान से लोन आदि लेने के लिए गांरटी देने तक के लिए कोई कोलेट्ररल भूमि मकान आदि गारंटी देने तक के लिए नहीं होती। ऐसे में यह योजना इन पशुपालकों के लिए एक वरदान है। गाजियाबाद के मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक के मुताबिक़ भारत सरकार द्वारा पशुपालकों के हित में लाई गई इस य़ोजना के तहत बिना किसी गांरटी या भूमि आदि बंधक बनाये या बिना किसी कोलेट्ररल गांरटी के एक लाख साठ हज़ार तक का लोन अपने दुधारु पशुओं के पालन पोषण के लिए चारा भूसा बिजली बीमा और दवा पानी वगैरा मुहय्या कराने के लिए क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं। इस बारे में बात करते हुए गाजियाबाद के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर महेश कुमार ने बताया कि किसी भी ग्रामीण या अर्द्धनगरीय बैंक की ब्रांच से ब्याज पर 3 % की छूट के साथ मिलने वाले मिलने वाले इस क्रेडिट कार्ड के लिए पशुपालक अपने नज़दीकी पशु चिकित्सालय या पशु सेवा केंद्र में आवेदन हासिल कर सकते हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर महेश का कहना है कि दो पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक आधार कार्ड की कापी के साथ ओपचारिकताएं पूरी करने के बाद पशुपालक अपनी एप्लीकेशन लेकर अपने निकटतम पशु सेवा केंद्र या पशु अस्पताल में संपर्क कर सकते हैं।
देखने मे अक्सर यह भी आया है कि अगर सरकार योजना लाए और सरकारी मशीनरी उसको ठीक से लागु करे तो उसके नतीजे भी अच्छे ही आते हैं। ऐसे में गाजियाबाद के सीडीओ विक्रमादित्य सिंह मलिक की कमान में काम कर रही टीम से पशुपालक भी शायद एक बेहतर परिणाम की उम्मीद कर रहे होंगे।
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