कभी कभी दूसरों की तांक झांक, मज़ाक़ उड़ाने या सांग तमाशा या मदारी का खेल देखने के शौक़ीन कुछ लोग घर से काफी काफी देर तक बाहर रहकर जब लौटते हैं तो पता चलता है कि घऱ का सामान चोर ले उड़े या उसकी बीवी या बेटी का किसी और चक्कर चल गया, या फिर बेटा भी जुआरियों की संगत मे पड़ गया… ये एक मनघड़ंत बात है हमने वैसे ही चर्चा कर दी है इसका किसी घटना या किसी संस्थान से कोई लेना देना नहीं है…न ही इस बात का इससे कोई संबध है कि दिल्ली में सरकारी अधिकारी एमसीडीकर्मी, दिल्ली पुलिस और पूरा सरकारी अमला ओखला और मदनपुर खादर में मुस्लिम समाज के कुछ कथित अवैध निर्माणों पर बुल्डोजर चला रहे थे, लेकिन ठीक उसी समय में दिल्ली के ही मुंडका इलाक़े मे अवैध रूप से चल रही एक फैक्ट्री में आग लगने से लगभग 30 लोग जिंदा जल कर मर गये। आग में भस्म होने वाले सभी भारतीय सुबह को घर से ये सोच कर निकले थे कि परिवार को चलाने के लिए उनकी जिंदगी और नौकरी बेहद ज़रूरी है। लेकिन शाम तक सब कुछ बदल गया और कई परिजनों को अपने प्रियों की लाश तक न मिल सकी। क्योंकि आग से शोलों में सब कुछ राख हो चुका था….हादसा दर्दनाक है.इस पर जितना भी अफसोस किया जाए कम है..आइए आज करते हैं अवैध और वैध के खेल में लिप्त एमसीडी की पिछले 15 से खामोशी और इसी माह खत्म हो रहे कार्यकाल पर अचानक जागने की कहानी की पड़ताल…
अगर अवैध निर्माणों की बात की जाए तो देश की राजधानी दुनियां के सबसे ज्यादा अवैध निर्माण वाले शहरों में से एक गिनी जा सकती है…दिल्ली के दो सिनेमाघरों शाहदरा के राधू सिनेमा और सीलमपुर का कल्याण सिनेमा हाल पर फ्लैट और मार्कीट बनाई गई है…एमसीडी ऐलान करके बताए कि यह सब वैध है या अवैध….खैर सिर्फ इन दो जिक्र तो वैसे ही है….दिल्ली में पिछले 10 साल के दौरान कितनी बिल्डिगों और निर्माण को कंपलीशन सर्टिफिकेट दिया गया और कितनी हजार ऐसी इमारतें है जो बगैर कंपलीशन सर्टिफिकेट के आज भी यानि अवैध रूप से मौजूद है…दिल्ली में बेतहाशा निर्माण की गंभीरता का अंदाज़ा इसी लगाया जा सकता है अवैध निर्माण को रोकने के लिए..इलाके के एसएचओ और एमसीडी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए आदेश जारी किया गया कि यदि कोई भी अवैध निर्माण किसी इलाके में होगा तो इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी…दम है तो देश को बताया जाए कि दिल्ली में एमसीडी के हर जोन में कितने अवैध निर्माण पिछले 10 साल में हुए और कितने थानों के एसएचओ और एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर हुई…पूर्वी दिल्ली इलाके में कुछ ही साल पहले एक अवैध इमारत गिरी तकरीबन 90 लोगों की मौत हुई …बस खास बात यह थी कि इसका ठेकदार कोई टोपी वाला नहीं था…अब किसी में दम है तो बताए कि उस मामले में कितने एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर हुई और दिल्ली पुलिस के कितने अफसरों पर कार्रवाई की गई।
अब बात करते हैं परसों ही मुंडका में एक अवैध फैक्ट्री में लगी आग और उसमें मारे गये लगभग 30 लोगों के परिजनों की । हो सकता है उनमें से कुछ लोगो ने रात को ही देश के उन तेज तर्रार मीडिया हाउसेज की खबरे देखी हों जिन पर एमसीडी द्वारा दिल्ली पुलिस की मदद से ओखला और मदनपुर खादर में एक समुदाय विशेष के लोगों के अवैध निर्माणों पर बुल्डोजर चलाने की मसालेदार खबरे भी देखी हों। और उनको ये तसल्ली भी हुई हो कि चलो एमसीडी वाले और दिल्ली पुलिस के जवान बेहद ज़रूरी काम कर रहे हैं लेकिन शायद वो ये न सोच सके कि जिस फैक्ट्री में वो खुद काम कर रहे हैं उसमें क्या क्या अवैध रूप से चल रहा है और इनका मालिक एमसीडी, दिल्ली पुलिस और लाइसेसं विभाग के अलावा किस किस विभाग के अफसरों को करोड़ो रिश्वत खिलाकर अवैध रूप से चल रही फैक्ट्री के नाम पर उनकी ही ज़िंदगी से खिलवाड़ कर रहा है….
बहरहाल हमें ही नहीं पूरे देश को मुंडका में फैक्ट्री में लगी आग में दर्जनों परिवारों की खुशियों के भस्म होने की घटना का दुख है…लेकिन सवाल ये भी है कि क्या ओखला और मदनपुर खादर के अलावा चाहे सैनिक फार्म्स हों या फिर चांदनी चौक से लेकर पूरी दिल्ली में हजारों अवैध निर्माणों से कमाई करने वाले एमसीडी और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की जांच कब की जाएगी। #delhimcdnews #delhinews #mcdnews #delhi_mcd #mcd #madanpur_khadar #okhla #delhiokhla #bulldozer_in_delhi #bulldozer
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