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आज़ादी का महोत्सव और स्मार्ट सिटी कनेक्शन
नई दिल्ली (6 जनवरी 2022)- चुनावी घोषणाओं में 100 स्मार्ट बनाने का वादा भी सबको याद होगा। लेकिन कई साल गुज़रने रे बावजूद अब तक कितने स्मार्ट ये भी सबके सामने है। लेकिन अब एक बार फिर स्मार्ट सिटी चर्चा में और वो भी सपनों या वादों के बजाय क़ागज़ों पर। दरअसल देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन के हिस्से के रूप में, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन ने “स्मार्ट सिटी एंड एकेडेमिया टुवार्ड्स एक्शन एंड रिसर्च (सार)” कार्यक्रम शुरू किया है। जो आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) और देश के अग्रणी भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की एक संयुक्त पहल है। कार्यक्रम के तहत, देश के 15 प्रमुख वास्तुकला और योजना संस्थान स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा शुरू की गई ऐतिहासिक परियोजनाओं का दस्तावेजीकरण करेंगे। इन दस्तावेजों में सर्वोत्तम परंपराओं से सीखने, छात्रों को शहरी विकास परियोजनाओं पर जुड़ाव के अवसर प्रदान करने और शहरी चिकित्सकों तथा शिक्षाविदों के बीच तत्काल सूचना के प्रसार के उपायों का उल्लेख किया जाएगा।
पीआईबी द्वारा जारी एक रिलीज़ के मुताबिक़ स्मार्ट सिटी मिशन की शहरी परियोजनाएं अन्य महत्वाकांक्षी शहरों के लिए मार्गदर्शक परियोजनाएं हैं। 2015 में मिशन की शुरुआत के बाद से, 2,05,018 करोड़ रुपये की लागत से कुल 5,151 परियोजनाओं के बल पर 100 स्मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है। सार के तहत परिकल्पित पहली गतिविधि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत भारत में 75 ऐतिहासिक शहरी परियोजनाओं का एक समूह तैयार करना है। ये 75 शहरी परियोजनाएं अभिनव, बहु-क्षेत्रीय हैं, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यान्वित किया गया है। यह कार्यक्रम देश की सर्वोत्तम परंपराओं और जमीनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के विचार से भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
यह समूह भविष्य के अनुसंधान के लिए संदर्भ के पहले बिंदु के रूप में कार्य करेगा, मिशन के तहत परियोजनाओं से सीखने में मदद करेगा, शहरी परियोजनाओं के लिए एक भंडार के रूप में कार्य करेगा, और सर्वोत्तम परंपराओं और बेहतर ढंग से सीखने में योगदान देगा। इसमें शामिल 75 परियोजनाओं को 47 स्मार्ट शहरों में वितरित किया गया है। परियोजनाओं का दस्तावेजीकरण करने वाले भागीदार संस्थानों में अन्य संस्थानों के साथ-साथ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की, पर्यावरण योजना एवं प्रौद्योगिकी केंद्र, अहमदाबाद, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, भोपाल शामिल हैं।
इसके अलावा सार में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और नेशनल इंस्टीट्यूट अर्बन अफेयर्स विशिष्ट ऐतिहासिक परियोजनाओं के लिए संस्थानों और स्मार्ट शहरों के बीच संपर्क की सुविधा प्रदान करेंगे, जिन्हें कार्यक्रम के तहत दस्तावेज का रूप देना हैं। संस्थान इन परियोजनाओं के परिणामों का दस्तावेजीकरण करेंगे कि वे शहरी नागरिकों के जीवन को कैसे प्रभावित कर रहे हैं। इन प्रमुख संस्थानों के छात्रों, सलाहकारों की टीम जनवरी/फरवरी, 2022 के महीने में इन परियोजनाओं को समझने/दस्तावेजीकरण करने के लिए इन 47 स्मार्ट शहरों का दौरा करेगी।
सार द्वारा तैयार किए जा रहे समूह के कार्यों में क्षेत्र जांच, डेटा विश्लेषण और प्रलेखन, भाग लेने वाले छात्रों के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान प्रणाली कार्यशाला, पहले मसौदे की समीक्षा, अनुसंधान छात्रों द्वारा अपने संबंधित संस्थानों को अंतिम रूप से प्रस्तुत करना, एनआईयूए को अनुसंधान को संस्थागत रूप से प्रस्तुत करना शामिल होगा, जिससे जून 2022 तक 75 शहरी परियोजनाओं के समूह का शुभारंभ हो सकेगा।
आजादी का अमृत महोत्सव
आज़ादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है। यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री श्री मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है।
आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान का प्रतीक है। “आज़ादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई, जो हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के पहले के 75 सप्ताह का सूचक है, जो 15 अगस्त, 2022 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी।
सार परियोजना में 47 स्मार्ट शहरों के लिए वितरित 75 शहरी परियोजनाएं शामिल हैं। शहरों में आगरा, अजमेर, चंडीगढ़, देहरादून, धर्मशाला, फरीदाबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, सहारनपुर, शिमला, श्रीनगर, बेलगावी, बेंगलुरु, चेन्नई, कोयंबटूर, इरोड, काकीनाडा, कोच्चि, मंगुलुरु, शिवमोग्गा, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुवनंतपुरम, तुमकुरु, अहमदाबाद, दाहोद, नागपुर, नासिक, पुणे, सूरत, ठाणे, वडोदरा, भुवनेश्वर, न्यू टाउन कोलकाता, रांची, विशाखापत्तनम, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, रायपुर, सागर, उज्जैन, जबलपुर, अगरतला, गंगटोक और नामची शामिल हैं।
इसके अलावा पहल में भागीदार के तौर पर देश के 15 प्रमुख संस्थान शामिल हैं जिनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की, मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली, आर वी कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, बैंगलोर, अन्ना विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, त्रिवेंद्रम, वास्तुकला एवं योजना विभाग, मणिपाल विश्वविद्यालय, पर्यावरण योजना एवं प्रौद्योगिकी केंद्र, अहमदाबाद, इंजीनियरिंग कॉलेज, पुणे, कमला रहेजा विद्यानिधि इंस्टीट्यूट फॉर आर्किटेक्चर, मुंबई, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर, भारतीय विज्ञान एवं पर्यावरण प्रौद्योगिकी संस्थान, शिबपुर, योजना एवं वास्तुकला स्कूल, विजयवाड़ा, योजना एवं वास्तुकला स्कूल, भोपाल और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का नाम शामिल है।
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