भारत-चीन सीमा विवाद अब बड़े तनाव में तब्दील होता जा रहा है। सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसमें भारत के एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए। जो कर्नल शहीद हुए, वे इन्फैंट्री बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर थे। सेना ने अभी इनकी पहचान नहीं बताई है।
45 साल यानी 1975 के बाद भारत-चीन सीमा पर ऐसे हालात बने हैं, जब भारत के जवानों कीशहादत हुई है। इस बार कोई गोली नहीं चली। सैनिकों के बीच पथराव हुआ। डंडों से एक-दूसरे पर हमला किया गया।
भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई मेंचीन के 5 सैनिक मारे गए हैं और11 जवान घायल हुए हैं। चीन के अखबार द ग्लोबल टाइम्स की चीफ रिपोर्टर ने ही पहले इसे कन्फर्म किया। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने यह बात भारतीय मीडिया के हवाले से कही थी।
ग्लोबल टाइम्स की चीफरिपोर्टर ने पहले 5 सैनिकों के मारे जाने की बात कही
Reports say 5 PLA soldiers were killed and 11 were injured at LAC China-India border yesterday.
— Wang Wenwen (@WenwenWang1127) June 16, 2020
चीफरिपोर्टर ने बाद में कहा- भारतीय मीडिया के हवाले से यह दावा किया था
I cited an Indian source of @NewsLineIFE about a physical clash at LAC China-India border yesterday. No confirmation from the official Chinese source regarding casualties yet. It is unprofessional for Indian media to say this is official news from the Chinese side. @IndiaToday pic.twitter.com/OIGBKq61Gn
— Wang Wenwen (@WenwenWang1127) June 16, 2020
अपडेट्स…
- सेना के सूत्रों के मुताबिक, चीन ने ही सुबह 7:30 बजे मीटिंग की पेशकश रखी। इसके बाद से मेजर जनरल लेवल की बातचीत चल रही है।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के चीफ और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मीटिंग की।
- सीडीएस बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख और विदेश मंत्री जयशंकर के साथ लंबी मीटिंग के बाद राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर पहुंचे। राजनाथ ने लद्दाख में भारत और चीन के बीच सैन्य झड़प पर प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
- आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने पठानकोट मिलिट्री स्टेशन का अपना दौरा टाल दिया है।
चीन ने उल्टा भारत पर बॉर्डर क्रॉस करने का आरोप लगाया
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी। वहीं, चीन के अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया।
आर्मीने कहा- हालात काबू में करने के लिए मीटिंग जारी
आर्मी की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ‘‘कल यानी सोमवार रात को गालवन वैली में डी-एक्स्केलेशन प्रोसेस चल रही थी, लेकिन तभी हिंसा हो गई। हमारे एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए। अभी दोनों देशों की सेनाओं के सीनियर ऑफिसर तनाव कम करने के लिए मौके पर ही मीटिंग कर रहे हैं।’’ थोड़ी देर बाद सेना ने दोबारा बयान जारी कर कहा कि हिंसक झड़प मेंदोनों तरफ के सैनिकों की जान गई है।
45 साल पहले चीन बॉर्डर पर भारत के जवान शहीद हुए थे
20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे।
मई से तनाव, जून में चार बार बातचीत हुई, फिर भी हिंसा भड़की
दोनों देशों के बीच 41 दिन से सीमा पर तनाव है। इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है।
बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी कि बॉर्डर पर तनाव कम किया जाए या डी-एक्स्केलेशन किया जाए। डी-एक्स्केलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाकों से पीछे हट रही थीं।
पूर्व डीजीएमओ ने कहा- इस झड़प को हल्के में न लें
पूर्व डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विनोद भाटिया बताते हैं कि दोनों ओर के सैनिकों के बीच ये हिंसक झड़प और उसमें एक कर्नल और दो जवानों की शहादत बेहद चिंता की बात है। दोनों ही पक्षों को आपस में मिल-बैठकर हालात को तुरंत काबू में लाना होगा। यह हिंसक झड़प बताती है कि हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। इसे हल्के में न लिया जाए।
1967 में भी हिंसक टकराव हुआ था
1962 की जंग के बाद 11 सितंबर 1967 को सिक्किम के नाथू-ला में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई थी। उसके बाद 15 सितंबर 1967 को भी झड़प हुई। विवाद अक्टूबर 1967 में जाकर थमा था।
चीन ने तब दावा किया था कि भारत के 65 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं, चो ला झड़प में भारत के 36 जवान शहीद हुए थे।अनुमान है कि पूरे टकराव के दौरान 400 चीनी सैनिकोंकी भी मौत हुई थी।
पिछले महीने झड़प कहां, कब और कैसे हुई?
1. तारीख- 5 मई, जगह- पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील
उस दिन शाम के वक्त इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
2. तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- उत्तरी सिक्किम में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद नाकू ला सेक्टर
यहां भारत-चीन के 150 सैनिक आमने-सामने हो गए थे। आधिकारिक तौर पर इसकी तारीख सामने नहीं आई। हालांकि, द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर मुक्कों से वार किए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। फिर झड़प रुकी।
3. तारीख- संभवत: 9 मई, जगह- लद्दाख
जिस दिन उत्तरी सिक्किम में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प हो रही थी, उसी दिन चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हेलिकॉप्टर भेजे थे। चीन के हेलिकॉप्टरों ने सीमा तो पार नहीं की, लेकिन जवाब में भारत ने लेह एयरबेस से अपने सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन का बेड़ा और बाकी लड़ाकू विमान रवाना कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल के बरसों में ऐसा पहली बार हुआ जब चीन की ऐसी हरकत के जवाब में भारत ने अपने लड़ाकू विमान सीमा के पास भेजे।
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1. चीन का डैमेज कंट्राेल और धमकियां: लद्दाख में अपने सैनिकों के मारे जाने के बाद चीन ने सुबह 7:30 बजे मीटिंग की मांग की, लेकिन 6 घंटे बाद धमकी दी- भारत एकतरफा कार्रवाई न करे
2. भारत-चीन के बीच जंग के 5 साल बाद भी झड़प हुई थी: 1967 में सिक्किम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ था, चीन के 340 सैनिक मारे गए थे
3. बातचीत के बाद भी नहीं मान रहा चीन: पिछले महीने 3 बार सैनिक आमने-सामने हुए; इस महीने 4 मीटिंग के बाद तनाव कम हुआ था, बातचीत चल ही रही थी लेकिन हिंसक झड़प हो गई
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