उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। यूपी में सबसे अधिक मरीज आगरा में 104 मरीज समाने आए हैं। उसके बाद नोएडा में संक्रमित मरीजों की संख्या 64 पहुंच गई है। इस बीच कोविड-19 संक्रमण के एपिकसेंटर में सेनेटाइजिंग से लेकर थर्मल स्केनिंग, किट, लोगों को जागरूक करने व दवा इत्यादि लोगों तक पहुंचाने का काम कोरोना काम्बैट मल्टीपर्पज ड्रोन के जरिए किया जाएगा।
अधिकारियों की मानें तो इसके लिए शनिवार को प्राधिकरण ने सेक्टर-16 व 17 की झुग्गियों में इसका प्रयोग किया। यह सीसीडी दिल्ली की इंडियन रोबोटिक सोल्यूशन कंपनी ने बनाया है। हालांकि अभी तक ड्रोन के जरिए सेनेटाइजेशन का काम ही किया जा रहा था। लेकिन ट्रायल के बाद अब इसका जल्द से जल्द उपयोग अन्य काम में भी किया जाएगा।
प्राधिकरण के वरिष्ठ परियोजना अभियंता जन स्वास्थ्य एससी मिश्रा ने बताया कि शनिवार को ड्रोन के जरिए सेक्टर-16 व 17 में सेनेटाइजेशन और थर्मल इमेजिन का कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि ड्रोन में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान के लिए थर्मल इमेजिंग कैमरा, स्पीकर दवाई रखने के लिए आवश्यक पोर्टेबल कारोना टेस्टिंग किट इत्यादि रखने व पहुंचाने के लिहाज से बनाया गया है।
रात में भी सेनेटाइजेशन व थर्मल स्क्रीनिंग करने में सक्षम
इंडियन रोबोटिक सोल्यूशन के प्रशांत पिल्लाई ने बताया कि यह ड्रोन रात में भी सेनेटाइजेशन व थर्मल स्क्रीनिंग करने में सक्षम है। इसके लिए इसमे नाइट वीजन कैमरे भी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के एपिक सेंटर में बिना जाए ही वहां संक्रमित मरीजों का आकलन और उनक तक जरूरी सामान पहुंचाने में यह कारगर है। शनिवार को नोएडा प्राधिकरण ने इसका ट्रायल भी किया।