उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में मुख्यालय स्तर पर बनाए गए कोरोना सेंटर के कर्मियों की लापरवाही का मामला सामने आया है, जो भविष्य में नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरअसल, नानपारा के एक प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन कराने पहुंचे एक मरीज में कोरोनावायरस से संक्रमण के संदिग्ध लक्षण मिले, जिस पर डॉक्टर ने कोरोना सेंटर व 112 पुलिस हेल्पलाइन को रोगी के बाबत सूचना दी। लेकिन न तो पुलिस पहुंची न ही कोई स्वास्थ्यकर्मी। इस बीच मौका पाकर मरीज फरार हो गया। अब सीएमओ सुरेश सिंह का दावा है कि, मरीज का नाम व पता लेकर विभाग की टीम भेजी जाएगी।
नानपारा में डॉ. शहाबुद्दीन प्राइवेट अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। डॉक्टर ने बताया कि बुधवार को एक मरीज कूल्हे का ऑपरेशन कराने के लिए अस्पताल आया। उसे भर्ती कर लिया गया और गुरूवार को ऑपरेशन करने के लिए बोला गया। ऑपरेशन से पहले जब डॉक्टर शहाबुद्दीन मरीज के पास गए तो देखा कि उसको तेज बुखार के साथ उसकी सांस फूल रही थी। कोरोना का लक्षण प्रतीत होने पर उन्होंने तुरंत डायल 112 व एंबुलेंस 108 को फोन पर सूचना दी। सूचना देने पर यह आश्वासन मिला कि टीम भेजी जा रही है। लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी न तो कोई टीम पहुंची और न ही डायल 112 का कोई पुलिसकर्मी।
देर शाम मौका पाते ही मरीज अस्पताल से भाग गया। मरीज के भागने की जानकारी जब डॉ. सहाबुद्दीन को हुई तो उन्होंने इसकी सूचना जिला मुख्यालय पर बने कोरोना सेंटर पर दी। डॉ. ने बताया कि मरीज की पहचान सेंटर को बता दिया गया है। अब सवाल उठता है कि जहां पूरा देश कोरोना की लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट हैं। वही जिसके कंधे पर जिम्मेदारी है अगर वही लोग लापरवाही करेंगे तो कैसे लड़ाई लड़ी जाएगी?