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चित्रकूट में बेजुबानों के व्यवहार में आई तब्दीली; दुश्मनी भुलाकर एक साथ भूख मिटाते दिखे जानवर



कोरोनावायरस (कोविड-19) आपदा का दंश समूची दुनिया झेल रही है। इससे निजात पाने के लिए भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन है, जो 14 अप्रैल तक जारी रहेगा। लॉकडाउन के बीच इंसानों की आदतों में तब्दीली आई तो इससे बेजुबान जानवर भी अछूते नहीं है। कभी एक दूसरे का दुश्मन बनने वाले कुत्ते-बंदर एक साथ अपने पेट की भूख शांत कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा धार्मिक नगरी चित्रकूट में देखने को मिला। यहां एक साथ बंदर, कुत्ते, बकरी, गाय, बैल अपनी दुश्मनी भुलाकर समाजसेवियों द्वारा डाले गए चारे को खाते नजर आए। चित्रकूट में हर दिन 50 हजार बेजुबानों के लिए चारे का इंतजाम किया जा रहा है।

मान्यता है कि, अयोध्या में जन्मे प्रभु श्रीराम ने पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ चित्रकूट में अपने वनवास के 12 साल व्यतीत किए थे। इसलिए यहां प्रभु राम से जुड़े स्थलों पर तमाम मंदिर व पर्यटन स्थल हैं। यहां तमाम मंदिर रहते हैं, जो आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दाना-पानी से अपना पेट भरते थे। मठ मंदिरो के साथ जंगलो में समूहों में ये उछल कूद करते नजर आते हैं। लेकिन कोरोनावायरस को लेकर जारी लॉकडाउन की वजह से 18 मार्च से मंदिरों के कपाट बंद हैं। ऐसे में बंदरों के साथ अन्य बेजुबान जानवर भूखे हैं।

लेकिन अब चित्रकूट नगर पंचायत, मठ मंदिरो के महंत और स्थानीय समाजसेवियों ने इन बेजुबान जानवरो के उदर भरने मुहिम शुरू की है। प्रतिदिन पूड़ी, फल, चना दिया जाने लगा है। हर दिन चार से पांच क्विंटल चना के साथ साथ अन्य खाद्य सामग्री बंदरों को दी जा रही। जानवर भी आपसी दुश्मनी भूलकर एक साथ पेट भर रहे हैं।

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बंदरों को देखते हुए कुत्ते दौड़ा लेते हैं, जबकि गायों को भौंकने लगते हैं। लेकिन पेट की भूख शांत करने के लिए सभी के व्यवहार में परिवर्तन नजर आ रहा। समाजसेवियों ने दाना-पानी का इंतजाम किया तो सभी एक साथ खाते नजर आए। यहां समाजसेवियों की तरफ से हर दिन 50 हजार बंदरों के लिए खाने का इंतजाम किया जा रहा है।

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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