दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से लौटे तब्लीगी जमाती न सिर्फ भारत के लिए मुसीबत का सबब बने, बल्कि वे पड़ोसी देश नेपाल भी पहुंच गए। सोमवार को नेपाल के बारा जिले में उत्तर प्रदेश के 11 जमातियों के साथ 9 पाकिस्तानी नागरिकों को तीन मस्जिदों से पकड़ा है। ये सभी तब्लीगी हैं। 21 मार्च को कामख्या एक्सप्रेस से गोरखपुर से होकर महाराजगंज पहुंचे और नेपाल चले गए। अब खूफिया एजेंसियां इस बात का पता लगा रही हैं कि, क्या पाकिस्तानी नागरिकता भारतीय सीमा से होते हुए नेपाल गए हैं?महाराजगंज में छह जमाती कोरोना पॉजिटिव हैं। इसके बाद से गोरखपुर जिले में कोविड-19 टीम एलर्ट है। अब तक इन जमातियों के संपर्क में आए 200 से ज्यादा लोगों को चिन्हित कर क्वारैंटाइन किया गया है।
नेपाल की तीन मस्जिदों में छिपे थे
नेपाल पुलिस के प्रवक्ता गौतम मिश्र ने बताया- दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुई तब्लीगी जमात में आगरा के 11 लोगों के साथ 9 पाकिस्तानियों को नेपाल में पकड़ा गया है। खूफिया एजेंसियों के अनुसार, ये सभी दिल्ली से आगरा होते हुए महाराजगंज पहुंचे और नेपाल में इस्लाम धर्म प्रचार कर रहे थे। नेपाल के बारा जिले में पुलिस ने मस्जिदों में छापा मारकर इन 20 जमातियों को हिरासत में लिया है। सभी को 14 दिनों के लिए पुलिस कस्टडी क्वारैंटाइन किया गया है। इनकी कोविड-19 की जांच होगी। पूछताछ में पता चला है कि, निजामुद्दीन मरकज में नेपाल के 298 जमाती शामिल हुए थे। अन्य जमातियों की तलाश के लिए टीमें बनाई गई है।
कामख्या एक्सप्रेस से 21 मार्च को गोरखपुर पहुंचे
तब्लीगी जमाती 21 मार्च को कामख्या एक्सप्रेस ट्रेन से गोरखपुर आए थे। यहां से निजी साधन और रोडवेज की बसों वे महाराजगंज गए थे। महाराजगंज में 21 जमाती मस्जिदों में छिपे थे। इन्हें क्वारैंटाइन किया गया है। इनमें छह जमाती कोरोना पॉजिटिव हैं। वहीं, गोरखपुर इन जमातियों के संपर्क में आए करीब 200 लोग चिन्हित किए गए हैं। सभी को एहतियातन 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है। कोविड-19 के प्रभारी सीओ क्राइम प्रवीण सिंह ने बताया किए चिन्हित किए गए एक-एक व्यक्ति की कॉल डिटेल व टॉवर लोकेशन की मदद से संदिग्धों की तलाश की जा रही है।