कोरोनावायरस का कहरलगातार बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश में अब तक यहां 210संक्रमित पाए गए हैं। कोरोना का संक्रमण राज्य के 24 जिलों में फैल गया है। इस बीचकन्नौज में शुक्रवार को नमाजियों के साथ झड़प मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, गाजियाबादके बाद अब कानपुर में भी क्वारैंटाइन किए गए जमातियों पर मेडिकल कॉलेज के स्टाफ के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा है।
नोएडा में एक और व्यक्ति कोरोनावायरस का पाया गया है। यहां अभी तक सर्वाधिक 50 पॉजिटिव केस हैं। नोएडा के अलावा मेरठ में 25, आगरा में 19, सहारनपुर में 13, लखनऊ में 10, गाजियाबाद में 10, कानपुर में सात, शामली में छह, पीलीभीत में दो, मुरादाबाद में एक, वाराणसी में पांच, जौनपुर में एक, बागपत में दो, बरेली में छह, बुलंदशहर में तीन, बस्ती में पांच, हापुड़ में एक, गाजीपुर में एक, लखीमपुर खीरी में एक, आजमगढ़ में चार, फीरोजाबाद में चार, हरदोई में एक, प्रतापगढ़ में दो और शाहजहांपुर का एक पॉजिटिवकेस शामिल है।
कानपुर में भी जमातियों ने मेडिकल स्टाफ से दुर्व्यवहार किया
दिल्ली के निजामुददीन में आयोजित हुए तब्लीगी जातियों के जलसे से वापस लौटे 22 लोगों को कानपुर में क्वारैंटाइन में रखा गया है लेकिन गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या आरती चंदानी का कहना है कि कुछ मरीज स्टॉफ के साथ दुव्यर्वहार कर रहे हैं। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या डॉ आरती लाल चंदानी ने तब्लीगी जमात के सदस्यों द्वारा डॉक्टरों से बदसूली की शिकायत पर नाराजगी जाहिर की है।क्वारैंटाइन वार्ड में तब्लीगी जमात के 22 सदस्य एडमिट हैंजमात के लोग डॉक्टारों से बदसलूकी कर रहे है । इतना ही नहीं उनके साथ बात-बात पर बहस कर माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं।इसके साथ ही क्वारैंटाइन वार्ड में थूक-थूक कर गंदगी फैला रहे हैं।
मिर्जापुर में छह जमाती क्वारैंटाइन किए गए
मिर्जापुर में भी दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए मरकज से लौटकर वापस आए थे। सभी छह लोगों की पहचान कर ली गई है। मुख्य चिकित्साधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और सबको क्वरैंटाइन में रखा गया है।
सुल्तानपुर में भी 10 सूडानियों समेत 15 के खिलाफ केस दर्ज
दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में शामिल लोगों के मिलने के बाद प्रशासन ने सख्त एक्शन शुरू किया है। 31 मार्च को जामे इस्लामिया में क्वारैंटीन करने के बाद अब 10 सूडानी समेत 15 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। 15 फरवरी को 10 सूडानी नागरिक टूरिस्ट वीजा पर जिले में दाखिल हुए थे। जिसके बाद ये सभी अलग-अलग जगहों पर धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए।
मथुरा में खााने की व्यवस्था में जुटी हैं विदेशी महिला श्रद्धालु
वृंदावन के एक आश्रम में गरीब लोगों के लिए भोजन वितरण के लिए हर रोज सैकड़ों लोगों का खाना विदेशी नागरिक बना रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में वह विदेशी श्रद्धालु भी शामिल हैं जो कि लंबे वक्त से यहां पर रह रहे हैं। आनंद वठीक स्थित राधाकुंज आश्रम में इन असहाय लोगों की मदद के लिएबड़ी संख्या में विदेशी महिला श्रद्धालु हर रोज खाने की व्यवस्था करने में जुटी हुई हैं। इस आश्रम में बने खाने को हर रोज गरीब मजदूरों के बीच वितरित किया जाता है। इसके अलावा कई सामाजिक संस्थाएं भी इन महिलाओं के साथ इस काम में जुटी हुई हैं।
बलरामपुर में मिले तब्लीगी जमात के 13 लोग, प्रशासन ने क्वारैंटाइन किया
निजामुद्दीन मरकज से से निकले तबलीगी जमात के लोगों की तलाश उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जा रही है। बलरामपुर जिले में भी तब्लीगी जमात के 13 लोग एक मस्जिद में रहते हुए पाए गए। यह लोग मूलतः बिजनौर और उसके आसपास के रहने वाले हैं यह सभी कोतवाली नगर क्षेत्र के बलुआ मोहल्ले में स्थित “मेकरानी मस्जिद” में गुपचुप तरीके से रहे थे। मस्जिद प्रबंधन ने भी इन सभी के मस्जिद में होने की सूचना जिला प्रशासन को नहीं दी थी।
कन्नौज मामला: पुलिसकर्मियों पर पथराव करने वाले 12 लोग पकड़े गए
यूपी के कन्नौज जिले में जुमे की नमाज अदा करने के लिए जुटी भीड़ को हटाने गई पुलिस पर पथराव किया गया,जिसमें चौकी इंचार्ज समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। जानकारी मिलते ही कई थाने की फोर्स मौके पर पहुंच गई। इस मामले में कन्नौज के एसपी अमरेंद्र सिंह ने कहा कि एक घर के भीतर 30 लोग नमाज के लिए एकत्र हुए थे। जब पुलिसकर्मियों की टीम गई तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। इस्पेक्टर आनंद पांडेय की तहरीर पर अभी तक 12 लोगों को पकड़ागया है।
झांसी: क्वारैंटीन नहीं है दिल्ली से लौटे मजदूर, खेतों में फसल काट रहे हैं
जिले में एक लाख से ज्यादा मजदूर दिल्ली समेत तमाम महानगरों से गांव लौटे हैं। लेकिन, यह लोग प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वारैंटीन सेंटरों में न रुककर खेतों में फसल काट रहे हैं। अकेले झांसी ही नहीं बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों के गांवों में बने क्वारैंटीन सेंटर्स खाली पड़े हैं। यहां रुके मजदूर देखरेख के अभाव में भाग जाते हैं।