कोरोनावायरस से बचाव के लिए 14 अप्रैल तक संपूर्ण देश में लॉकडाउन है। इस बीच रोज कमाने खाने वालों के सामने खाद्यान्न संकट है। सरकार इस संकट की घड़ी में जरुरतमंदों तक राहत पहुंचा रही है, लेकिन समाज में भी तमाम कोरोना वॉरियर्स हैं, जो मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं। ऐसा ही मामला गाजीपुर जिले से सामने आया है। यहां जखनियां तहसील के रहने वाले एक परिवार ने मृत सदस्य का तेरहवीं संस्कार बेहद संक्षिप्त तरीके से किया और जो अनाज बचा उसे अन्नापूर्णां बैंक में दान कर दिया। जिसे पुलिस व प्रशासनिक टीम ने जरुरतमंदों तक पहुंचाया है।
15 मार्च को हुआ था निधन, 28 मार्च को थी तेरहवीं
उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के जखनियां तहसील मुख्यालय निवासी प्रिंस गुप्ता के पिताजगन्नाथ गुप्ता का 15 मार्च को निधन हो गया था। उसके बाद तमाम संस्कार करने के साथ ही त्रयोदस संस्कार के लिए खाद्यान इत्यादि की व्यवस्था भी की गई। इसी दौरान नोवल कोरोना के चलते लॉक डाउन से त्रयोदश भोज 28 मार्च को संक्षिप्त में केवल परिजनों के साथ संपन्न करना पड़ा। इस दौरान जहांपरिजनों को पिता के मृत्युपर्यन्त लोगों को भोज न कराने का मलाल बना रहा, वहीं भोज के निमित्त जुटाया गया काफी मात्रा में खाद्यान्न भी बच गया।
आरएसएस कार्यकर्ता ने दी थी ये सलाह
प्रिंस ने बताया कि उनके बड़े भाई व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व जिला प्रचारक दुर्गा प्रसाद ने सलाह दिया कि भोज के निमित्त रखा गया खाद्य सामग्री चावल, दाल, गेंहू इत्यादि को जरूरतमन्दों को वितरित कर दिया जाए। उनकी सलाह को मानते हुए दोनों भाइयों ने शुक्रवार की सुबह सभी अनाज वाहन पर लदवाकर भुड़कुड़ा कोतवाली में बनाएगए पुलिस पब्लिक अन्नपूर्णा बैंक में जमा करा दिया। इस तरह परिवार नेनोवल कोरोना से बचाव को जूझते देश के सामने नजीर पेश की है।
भूखों का भरेगा पेट, पिता की आत्मा को मिलेगी शांति
प्रिंस ने कहा- देश को घातक वायरस से बचाने के लिएलाकडाउन का पालन किया जा रहा है। मैं नहीं चाहता था कि पिता की तेरहवीं में लोग घर में एकत्र हों और इसीलिएउन तमाम गरीबों की भूख शांत करने के लिएभोज के लिएसंकल्पित अन्न को अन्नपूर्णा बैंक में दे दिया। सामाजिक संगठन द्वारा चलाएजा रहे बैंक के जरिएभूखों का पेट भरेगा और उसके पिता की आत्मा को शांति मिलेगी।