राम की नगरी अयोध्या में रामनवमी के दिन हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। हर साल अयोध्या में राम नवमी के दिन मंदिरों के बाहर और सड़कों पर भक्तों की भीड़ ही दिखायी पड़ती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। देश ही नहीं दुनियाभर में फैले करोनावायरस संकट की वजह से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। इसके चलते अयोध्या में भी इसका असर साफतौर पर दिखायी दे रहा है। संकट की इस घड़ी में रामनवमी का पर्व भी यहां केवल मंदिरों के गर्भगृह तक सीमित रह गया और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
अयोध्या में दिन के 12:00 बजे प्रभु राम का जन्मोत्सव यहां के पुजारियों ने ही पूजा करके पूरा किया। भए प्रगट कृपाला दीन दयाला का उद्घोष मंदिरों के अंदर तक ही सीमित रह गया। यहां 15 लाख की भीड़ हर साल इस उत्सव में हिस्सा लेने के लिए आती थी ,पर कोरोना संकट के चलते कल से हीप्रशासन ने नाकेबंदी कर शुरू कर दी थी।अयोध्या जिले की सीमा सील कर दी गई और जगह-जगह पुलिस व आरएएफदस्ते घूमते दिखे।
सरयू तट पर भी नहीं दिखी चहल पहल
सरयू नदी में रामनवमी को जहां लाखों की भीड़ आज स्नान करती थी वहां सन्नाटा दिखा। पुलिस की निगरानी होती रही। मेला अधिकारी वैभव शर्मा ने बताया पूरे मेला क्षेत्र में कहीं भी कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलकर मंदिर जाने की कोशिश करता हुआ नहीं पकड़ा गया। रामनवमी का कार्यक्रम भी पुजारियों ने ही सम्पन्न किया। जैसा कि लाक डाउन के दौरान पिछले कई दिनों से पूजा का कार्य चल रहा था। उन्होंने बताया की लॉक डाउन का कड़ाई से पालन किया गया।
अयोध्या की सीमआों को सील कर दिया गया
एसपी रूरल शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया की रामनवमी के पर्व को देखते हुए जिले की सीमा को सील कर चेकिंग सख्त कर दी गई थी । किसी को भी अयोध्या सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। लोगों ने अपने घरों में ही अनुष्ठान किया। राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने बताया कि संतों ने हिंदू समाज से जो अपील की थी उसका सभी ने पालन किया घरों में ही सारे अनुष्ठान किए गए। संतों ने सभी को कोरोनावायरस से मुक्ति के लिए सभी सेरामनवमी के दिन विजय मंत्र का जाप,करने की अपील की थी।सायं दीप जलाकर राम जन्म की खुशी लोग मनाएंगे।सुंदर कांड का पाठ भी लोगों ने अपने घरों में परिवार के साथ ही किया।