गोरखपुर. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से पहली मौत का मामला सामने आया है। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर का है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती बस्ती के 25 वर्षीय हसनैन की सोमवार को मौत हो गई थी। बुधवार को केजीएमयू से आई रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि, युवक कोरोना से पीड़ित था। सांस में तकलीफ के चलते परिवार वालों ने उसे मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। युवक का इलाज करने वाले मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टॉफ के 8 सदस्यों समेत 16 लोगों को क्वारैंटाइन या आइसोलेट कर दिया गया है। साथ ही तीमारदारों को भी ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
बस्ती का रहने वाला था युवक
बस्ती जिले के तुरकहिया निवासी हसनैन को सांस लेने में तकलीफ होने पर परिवार वालों ने रविवार की रात गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवाया था। तबियत बिगड़ने पर उसे ट्रामा सेंटर के आईसीयू ले जाया गया, जहां सोमवार सुबह उसकी मौत हो गई। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए लार का नमूना क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र गोरखपुर भेजा गया था। लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई। मामला संदिग्ध होने के चलते नमूना केजीएमयू भेजा गया। लीवर व किडनी की बीमारी से ग्रसित हसनैन तीन माह पहले बस्ती के कैली अस्पताल में भर्ती हुआ था।
प्रशासन ने युवक के आसपास इलाके को किया सील
लेकिन बुधवार सुबह केजीएमयू ने पुष्ट कर दिया कि, हसनैन कोरोना से संक्रमित था। इसके बाद नमूना लेने वालों में शामिल दो लैब टेक्नीशियन, एक डॉक्टर को हॉस्टल में आइसोलेट कर दिया गया है। एक अन्य डॉक्टर, दो नर्स व दो वार्ड बॉय भी मेडिकल कॉलेज नहीं आए। उन लोगों ने खुद को घर में ही आइसोलेट कर लिया है। मेडिकल कॉलेज व ट्रामा सेंटर के आईसीयू को सैनिटाइज किया जा रहा है। बस्ती प्रशासन ने परिवार के छह सदस्यों समेत आठ लोगों को आइसोलेट कराते हुए पूरे इलाके को सील कर दिया है। जिस एंबुलेंस से हसनैन को गोरखपुर ले जाया गया था, उसके ड्राइवर समेत तीन को क्वारैंटाइन किया गया है।
डॉक्टरों से लक्षण पहचानने में हुई चूक
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार ने कहा- मेडिकल कालेज व मृतक के परिवार समेत 16 लोग आइसोलेट हुए हैं। मरीज में कोरोना के लक्षण थे, लेकिन डॉक्टर उसकी पहचान करने में चूके हैं।