वाराणसी. कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की कल्याणी मिश्रा समेत 50 से अधिक भारतीय स्टूडेंट यूक्रेन में फंसे हैं। सभी यूक्रेन के शहर ओडिसा में मेडिकल (एमबीबीएस थर्ड इयर) की पढ़ाई कर रहे हैं। बीते 20 मार्च से ये मेडिकल छात्र भारतीय दूतावास व पीएमओ को टि्वट कर मदद मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।एक को बीमारी लगी तो सब खत्म हो जाएंगे
छींकने पर पुलिस करती है पिटाई
कल्याणी ने दैनिक भास्कर ऐप से बात की। कहा- अंकल हमें बचा लीजिए…..प्लीज हेल्प….रोते हुए ट्वीट करते करते हम लोग थक गए है। हॉस्टल में छींकने पर भी प्रतिबंध है। पुलिस आकर पिटाई करती है।पैसे-राशन सब खत्म हो रहा है। एमबीबीएस थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रही हूं। 20 मार्च से लगातार एम्बेसी, पीएमओ सभी जगहों पर टि्वट और लेटर लिखकर मदद मांगी है।कल्याणी का कहना है कि हमें हॉस्टल से निकलने नहीं दिया जा रहा है। हमें कुछ हो जाएगा तो सभी लोग हॉस्टल में इफेक्टेड होंगे। बीमार होने पर भारत भी कभी नही जा पाएंगे, न कोई गार्जियन यहां आ पाएगा।मजबूरी में हम लोग किचन भी एक ही यूज कर रहे हैं। हमारे साथ के इजराइल और इजिप्ट के दर्जनों बच्चे अपने देश की मदद से घर लौट गए।इंडिया से जो पैसा यहां बैंको में आ रहा है, वो यूक्रेन के बैंक एक्सेप्ट नहीं कर रहे हैं।
महंगा हुआ राशन, पीएम हमारी बात सुनें
कल्याणी ने बताया कि यहां राशन बहुत महंगा हो गया है। यहां की करेंसी गोविना 1 रुपए के बराबर 3 रूपया भारत का होता है। 1000 रूपए प्रति किलो अदरक, आटा 120 रूपए प्रतिकलो, चावल 120 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है। तीन दिन पहले दादा की डेथ हो गयी, लेकिन मैं नहीं पहुंच पाई। हम सभी सितंबर 2019 में यहां आए है।
परिजन खर्च उठाने को तैयार
हमारे परिवार के लोग भारत सरकार को पूरा खर्च देने को तैयार हैं कि हम लोगो को किसी तरह भारत घर पहुंचाया जाए। हम सभी टेस्ट स्क्रीनिंग को तैयार है। भारत लाकर हमें क्वारैंटाइटन किया जाए।यहां बीमार पड़ने पर डॉक्टर हमारा चेकप भी नहीं करेगा। कोरोना वायरस यूक्रेन में भी फैल रहा है। सरकार को सोचना चाहिए हम भी भारत के बच्चे हैं। पीएम मोदी से भी हमारी रिक्वेस्ट है, वो कुछ करें। क्योंकि एक को कुछ हुआ तो सभी खत्म हो जाएंगे।