नई दिल्ली (30 मार्च 2020)- कोरोना वायरस से हम बेहद बहादुरी के साथ लड़ते रहे। यहां तक कि हमने खुलेआम ताली और थाली बजाकर कोरोना वायरस को जड़ से ख़त्म करने का ऐलान तक कर दिया। जनता कर्फ्यू के दौरान हमारे बड़े बड़े सैलेब्रेटीज़ नेता अभिनेता जिनको देखकर हमारी जनता बहुत प्रेरणा लेती है बड़ी ही बहादुरी के साथ ताली और थाली बजाते देखे गये। ठीक उसी दिन, जी हां जिस दिन हम ताली बजाकर कोरोना पर हमला कर रहे थे उसी दिन छ्त्तीसगढ़ में नक्सलियों ने 17 जवानों को मौत के घाट उतार दिया। कहने तो हम ये भी कह सकते हैं कि उनको शहीद कर दिया लेकिन उनकी मौत को भले ही मेरे जैसे लोग शहादत कहें लेकिन सरकारी तौर पर हम उनको शहीद तक नहीं कहते हैं।
तो जनाब एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस पर हमला कर रही थी। तो दूसरी तरफ हमारे जवान नक्सली आंतकियों के हमले से जूझ रही थी। जिसमें 17 की शहादत की ख़बर आई थी। तो क्या देश ने उन जवानों के लिए हमारे तेज़ तर्रार मीडिया पर उतनी ही शिद्दत देखी थी जितनी कि और मामलों पर होती है।
आज बहुत कुछ कहने का मन है। लेकिन कुछ नहीं कहूंगा। आप समझदार हैं समझने की कोशशि करें। लेकिन कई साल से नक्सली आतंकियों ने हज़ारों पुलिस जवानों को शहीद करने का सिलसिला जारी है। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने हमला करके 17 जनावों को शहीद कर दिया जबकि 14 घायल भी बताए जा रहे हैं। ये शुरुआती जानकारी है शहीदों की संख्या बढ़ भी सकती है। देशभर में लॉकडॉउन है कोरोना वायरस का ख़ौफ है फिलहाल इतना ही।
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