गाजियाबाद (12 दिसंबर 2019)- अपराध और अपराधियों से जूझ रहे शहर और यहां के अफसरों के लिए एक चेलैंज और सामने आ गया है। जिले को आगामी 10जनवरी 2020तक यदि छुट्टा पशु मुक्त नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारी नाप दिए जायेंगे । इस आशय का निर्णय गुरुवार को जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई अनुश्रवण मूल्यांकन समिति की सम्पन्न हुई बैठक में लिया गया । खासबात यह है कि निर्धारित तिथि के बाद प्रश्नगत इलाके के अधिकारी को लिखित में यह प्रमाण पत्र देना होगा ।
इस बैठक में जिले के स्थानीय निकाय के अधिकारी, उपजिलाधिकारियों व समस्त विकास खण्डों के विकास अधिकारी भी शामिल थे । बैठक में सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने क्षेत्र के छुट्टा व आवारा पशुओं की लिखित सूची जिला मुख्यालय में दाखिल करेंगे ।
समिति के इस निर्णय के बाद सक्षम अधिकारियों की सांसे फूलने लगी हैं, कारण अभी तक आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए किसी भी स्थानीय निकाय के पास संसाधन व एक्सपर्ट उपलब्ध नहीं हैं । बैठक में गौवंश आश्रय स्थलों को स्वाबलम्बी बनाने के लिए गौवंश के गोबर से वर्मी कपोस्ट, उपले व गोबर के लट्ठे आदि बनाने का निर्णय लिया गया है । इसके अलावा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जो लोग अपने पशुओं को छुट्टा छोड़ देते हैं उनकी फेरिस्त तैयार की जाये और उनके खिलाफ दण्डनात्मक करवाई की जाये । आपको बतादें की छुट्टा पशुओं के विचरण के मारन आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है और लोग चोटिल हो रहे हैं कई लोगों की मौत भी हो चुकी है जिससे लोगों में आक्रोश है ।