नई दिल्ली (5 दिसंबर 2019)- सबका घर हो अपना के सपने को साकार करने की दिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना मील का पत्थर साबित होने जा रही है। इस योजना के तहत 3 लाख 31 हज़ार और नये भवनों के निर्माण की मंजूरी दे दी गई है। इस तरह से 56 लाख मकानों के बनाने के लक्ष्य में से 28.4 लाख भवनों का निर्माण किया जा चुका है।
शहरी विकास मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक़ केन्द्र ने पीएमएवाई योजना के तहत 3.31 लाख और आवासों की मंजूरी दी है। प्रधान मंत्री आवास योजना शहरी के तहत केन्द्रीय अनुमोदन और निगरानी समिति यानि सीएसएमसी की 49वीं बैठक में ये फैसला लिया गया। इस बैठक में भाग लेने वाले राज्यों ने 3,31,075 आवासों के निर्माण के 606 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिन पर कुल 15,125 करोड़ रूपये निवेश किया जाएगा जिसमें 5,092 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता शामिल है। इसमें 6 राज्यों में 6368 आवासों के निर्माण के लिए छह हल्की आवास परियोजनाएं शामिल हैं जिसमें गुजरात में 1,144, झारखंड में 1,008, मध्य प्रदेश में 1,024, तमिलनाडु में 1,152, त्रिपुरा में 1,000 और उत्तर प्रदेश में 1040 आवास बनाए जाएंगे।
सीएसएमसी द्वारा मंजूर किए गए आवासों की संख्या आंध्र प्रदेश में 2,58,648, कर्नाटक 30,777, मध्य प्रदेश 15,245, गुजरात 13,805, महाराष्ट्र 4,691 और उत्तराखंड में 1,541 है। पीएमएवाई (यू) मिशन के तहत आंध्र प्रदेश राज्य ने सबसे अधिक संख्या में नये आवासों का प्रस्ताव रखा और वह सबसे अधिक 16,34,748 आवासों की संचयी मंजूरी देने वाला अग्रणी राज्य बन गया है। इसके बाद 14,53,989 आवासों के साथ उत्तर प्रदेश का स्थान है। अब तक, पीएमएवाई (यू) के अंतर्गत पीएमएवाई (यू) मिशन 96.50 लाख से अधिक आवासों को मंजूरी दे चुका है जबकि आवासों की प्रामाणिक मांग 1.12 करोड़ है। कुल 56 लाख आवासों के निर्माण की बुनियाद रखी गई जिसमें से 28.4 लाख का निर्माण पूरा हो चुका है।
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