नई दिल्ली (5 दिसंबर 2019)- 100 दिन से ज़्यादा जेल में बंद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम तिहाड़ से बाहर आते ही सरकार पर हमलावर होते दिख रहे हैं। जेल से रिहा होने के बाद पी चिदंबरम संसद गये और राज्यसभा की कार्रवाई मे हिस्सा लेने के दौरान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी आवाज संसद में दबाई नहीं जा सकती। साथ ही संसद परिसर में प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रदर्शन में भी शामिल हुए, जिसमें उनके अलावा अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, कुमारी शैलजा, के सुरेश, कार्ति चिदंबरम ने भी हिस्सा लिया।
बाद में एक प्रेस कांफ्रेंस को भी चिदंबरम ने संबोधित किया। चिदंबरम ने अपनी छवि को लेकर कहा कि एक ‘मंत्री के तौर पर मेरा रिकॉर्ड और विवेक साफ है। जिस भी अधिकारी ने हमारे साथ काम किया, उद्योगपति मुझसे बातचीत के दौरान या पत्रकार, जो मुझे जानते है,ये लोग सब जानते हैं।
डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम की इस चेतावनी का ज़िक्र करते हुए कि मौजूदा सरकार के दौरान 5 पांच फीसदी विकास दर संदिग्ध कार्यप्रणाली की वजह से है। दरअसल ये 5 प्रतिशत नहीं, बल्कि 1.5 प्रतिशत कम है। साथ ही सरकार की आर्थिक नीति और मौजूदा कथित आर्थिक संकट का ज़िक्र करते हुए उन्होने कहा कि अगर इस साल के आख़िर तक जीडीपी 5 फीसद को छू ले तो ये हमारा सौभाग्य होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पी चिदंबरम ने कहा कि आमतौर पर अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम चुप रहते हैं औऱ पीएम ने इसको अपने मंत्रियों के ऊपर छोड़ दिया है ताकि वो लोगों को झांसा दें। उन्होंने कश्मीर की चर्चा करते हुए कहा कि कई दिनों के बाद जैसे ही कल रात आठ बजे बाहर निकलकर मैंने आज़ादी की हवा में सांस ली तो सबसे पहले मैंने कश्मीर घाटी के लाखों लोगों के लिए दुआ की। क्योंकि 4 अगस्त, 2019 से तो उनकी आज़ादी पर ही प्रतिबंध लगा हुआ है।