सीबीआई ने प्रतिबंधित मैडिकल कालेज मे ऐडमिशन और उसकी मदद के लिए फर्जी आदेश के खेल के आरोप में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज,एक निजी शिक्षण ट्रस्ट समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
आरोप है कि सरकार द्वारा दो साल के लिए किसी भी छात्र को ऐडमिशन देने के लिए प्रतिबंधित किए गये 46 मैडिकल कालेजो की सूची में शामिल एक मैडिकल को मदद करने उसके पक्ष में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर करके उसके पक्ष में कथित आदेश कराने के आरोप में सीबीआई ने हाईकोर्ट के पूर्व जज समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मई 2017 में नियमों और मैडिकल कालेज में होने वाली निर्धारित सविधाओ को पूरा न कर पाने की वजह से 46 मैडिकल कालेजो दो साल तक ऐडमिशन लेने पर रोक लगा दी थी। लेकिन आरोपी एजुकेशनल ट्रस्ट और उसके संचालको ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। लेकिन इसी दौरान केस वापस लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। और यहीं से आरोपी जज और कालेज के लोगों के बीच एक साजिश रची गई। जिसके तहत इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक बैंच के सामने 24 अगस्त 2017 को रिट डाली गई अगले ही दिन 25 अगस्त को उस सुनवाई हुई और उसी दिन कालेज के पक्ष में एक आदेश कर दिया। आरोप है इसके लिए जज को मोटा फायदा पहुंचाया गया था।
इस मामले में आईपीसी की धारा 120 बी समेत धाराओ में एफ आई आर दर्ज करके आरोपी जज समेत अन्य सभी के लखनऊ मेरठ और दिल्ली के ठिकानो पर छापेमारी की जा रही हैं। ताकि पेसो के लेनदेन समेत अन्य सबूत इकठ्ठा किए जा सके।