उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोनावायरस के संक्रमण के 9नए मामले सामने आए हैं। इस बीच आगरा में छह, गाजीपुर में एक और जौनपुर में दोमामलेसामने आएहैं।जौनपुर में जिन दो लोगों में वायरस पाया गया वे पकड़े गए जमातियों में शामिल धर्म प्रचारक हैं। राज्य में कोरोनावायरस पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 132हो गई है। इसमें सर्वाधिक 48 नोएडा के हैं। विभिन्न अस्पतालों में 319 संदिग्ध लोगों को उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित 2 लोगों की मौत हो गई थी।
नोएडा में संक्रमितों की संख्या पहुंची 48
नोएडा के 48 संक्रमित लोगों के अलावा मेरठ में 25, आगरा में 18, लखनऊ में 10, गाजियाबाद में 9, बरेली में छह, बुलंदशहर तीन और जौनपुर में दो, पीलीभीत, वाराणसी में दो-दो और कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, शामली, बागपत, गाजीपुर और गोरखपुर में एक-एक पॉजिटिव लोग शामिल हैं। वहीं, अभी तक 2704 लोगों के नमूने जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं और इनमें से 2519 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।वहीं, 198 संदिग्ध लोगों की जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है। 17 लोग ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।
गुरुवार को 13898 ऐसे लोग चिह्नित किए गए
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकास इंदु अग्रवाल ने बताया- तब्लीगी मरकज में शामिल जमात के लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से बीते बुधवार को मेरठ में पाए गए एक विदेशी नागरिक जो इंडोनेशिया का रहने वाला है उसमें कोरोनावायरस की पुष्टि हो चुकी है। गुरुवार को प्रदेशभर में रैपिड रिस्पांस टीम के माध्यम से 13898 ऐसे लोग चिह्नित किए गए जो चीन सहित कोरोनावायरस से संक्रमित देशों की यात्रा कर वापस लौटे हैं। इन्हें क्वारैंटाइन किया गया है। अभी तक ऐसे कुल 55490 लोगों को चिह्नित किया जा चुका है।
अगले 11दिन ज्यादा महत्वपूर्ण
यूपी में कोरोना वायरस से दो लोगों की मौत और लगातार संक्रमण बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। आगे 11दिन ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि देश में भी कोरोना के मरीज सैकड़ा से हजार तक पहुंचने में 12 दिन लगे थे और उसके बाद तीन दिन में यह दोगुने हो गए। यूपी देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है, ऐसे में यहां खतरा अधिक है। अब स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को दूसरे राज्यों और विदेश यात्रा से आए लोगों की सख्त मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एनजीओ, ग्राम प्रधान व पार्षद इत्यादि की मदद ली जाएगी।