ग़ाज़ियाबाद (3 दिसंबर 2019)- दिल्ली एनसीआर में ऊंची ऊंची इमारतों को देखकर लोगों को भले ही लगता हो कि उड़ान हो तो ऐसी। लेकिन इनमें मौजूद कुछ ज़िंदगियों के दर्द की गहराइयों को नापना फिलहाल मुश्किल है।
इंद्रापुरम में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या और आत्महत्या ने आधूनिक समाज को झकझोर कर रख दिया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक़ माता पिता ने पहले अपने दो बच्चों को मौत के घाट उतारा और फिर पति पत्नी समेत तीन लोगों ने बिल्डिंग के आठवें फ्लोर से कूद कर जान देदी।
गाजियाबाद के थाना इंदिरापुरम इलाके में मंगलवार की अल सुबह एक व्यापारी ने अपनी पत्नी के साथ सोसाइटी की आठवीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली। दिल्ली एनसीआऱ की शान कहे जाने वाले गाजियाबाद के इंद्रिरापुरम में मंगलवार की सुबह मनहूस ख़बर लेकर आई। यहां पर आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक परिवार ने ज़िंदगी के मुक़ाबले मौत को गले लगाना ज्यादा मुनासिब समझा और आत्महत्या कर ली।
खुदकुशी से पहले गुलशन नाम के व्यापारी ने अपने 11वर्षीय पुत्र व 12वर्षीय पुत्री को मारा, जबकि उसके कमरे से एक खरगोश भी मृत मिला है। उद्यमी ने कमरे की दीवार पर सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसने उसने खुदखुशी करने का कारण आर्थिक तंगी बताया है और पांचों की मौत के लिए राकेश वर्मा नामक शख्स को बताया है जो उनका रिश्तेदार है । सूचना मिलने पर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह व एएसपी केशव कुमार मौके पर पहुंचे। कमरे की दीवार पर सुसाइड नोट में लिखा हुआ मिला कि पूरे परिवार का आत्महत्या किए जाने का कारण आर्थिक तंगी बताया गया है। इसके अलावा यह भी लिखा गया है कि सभी का अंतिम संस्कार एक साथ किया जाए।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के मुताबिक़ थाना इंदिरापुरम इलाके के वैभव खंड स्थित कृष्णा सफायर सोसाइटी की आठवीं मंजिल पर के 805 नंबर का फ्लैट में गुलशन नाम का एक शख्स और उसकी पत्नी, संजना और प्रवीण एवं दो बच्चे 11 वर्षीय रितिक और 12 वर्षीय रितिका रहते थे। गुलशन की जीन्स की फैक्ट्री थी। मंगलवार की अलसुबह घर का मुखिया गुलशन और उसकी पत्नी परवीन और संजना के द्वारा आठवीं मंजिल से छलांग लगाई गई ।इस दौरान एक महिला और एक पुरुष की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक महिला की हालत गंभीर बनी हुई थी।
पुलिस की मानें तो गुलशन कुमार का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। चर्चा ये भी है कि परेशान परिवार के लगभग दो करोड़ रुपए उधार में फंसे थे और किसी रिश्तेदार को भी दिया गया उधार वापस नहीं मिल रहा था। कहा जा रहा है कि कारोबारी नुक़सान और आर्थिक तंगी की वजह से हुए मामले में पति-पत्नी,, बेटा और बेटी की मौत हो गई है।
पूरे मामले का सबसे दर्दनाक पहलु ये है कि माता पिता ने जीवन से मोह ख़्तम होने के बाद पहले अपने बेटे और बेटी को मौत के घाट उतारा फिर ऊंची इमारत से कूदकर जान देती। सुबह लगभग 5 बजे ऊंचाई से कूदने की आवाज़ सुनकर और लाशों को देखकर बिल्डिंग के गार्ड ने आसपास के लोगों और पुलिस को सूचित किया।
बहरहाल ऊंची इमारतों की लग्ज़री ज़िंदगी, मंहगी गाड़ियां, मंहगे स्कूल, महंगा माहौल इस सबके बीच आर्थिक तौर पर एक क़दम भी किसी का डगमगा जाए तो बात बिगड़ जाती है। दिल्ली के द्वारका से लेकर एनसीआर की कई बड़ी इमारतो वाली कालोनियों में होने वाली कुछ आत्महत्या की घटनाएं कुछ इसी तरह का इशारा दे रहीं है।