नई दिल्ली (19सितंबर 2015)-बहुचर्चित नैना साहनी तंदूर हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे सुशील शर्मा करीब 20 वर्ष बाद शुक्रवार को पैरोल पर बाहर आ गया। सुशील शर्मा एसआरबी का फैसला का आने तक पैरोल पर रहेगा। जेल सूत्रों का कहना है कि सेन्टेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) की मीटिग करीब दो वर्ष पूर्व हुई थी और उसके बाद से यह नहीं हुई है।
जुलाई 1995 को जब वह कांग्रेस के युवा नेता रहे सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या कर दी थी। सुशील ने हत्या करने के बाद मृतक शरीर को अशोक रोड पर बगिया रेस्टोरेंट में बने तंदूर में डाल कर जला दिया था। लेकिन बाद में इसका खुलासा हो गया। इस बहुचर्चित हत्याकांड के बाद सुशील शर्मा को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में कैद कर दिया गया और उसे हाई कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी, मगर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।
सुशील शर्मा लगभग 20 वर्षो से तिहाड़ जेल नंबर दो में कैद था। अदालत में उसने गुहार लगाई कि वह 24 साल की सजा पूरी कर चुका है लिहाजा उसे रिहा किया जाए। इस बारे में अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि इस संबंध में चार हफ्तो में फैसला लिया जाए। दिल्ली सरकार ने सुशील शर्मा के इस मामले को एसआरबी के समक्ष पेश कर उस पर जल्द फैसला लेने के लिए कहा और एक रिपोर्ट उपराज्यपाल को भेजी गई।