भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गालवन वैली में हुई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हुए थे। इनमें सबसे ज्यादा 13 शहीद बिहार की दो अलग-अलग रेजिमेंट के हैं। एक शहीद 12 बिहार रेजिमेंट और बाकी शहीद 16 बिहार रेजिमेंट के हैं। शहीद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू भी16 बिहार रेजिमेंट से थे।
किस रेजिमेंट से कितने शहीद
16 बिहार रेजिमेंट: 12 शहीद
3 पंजाब रेजिमेंट: 3 शहीद
3 मीडियम रेजिमेंट: 2 शहीद
12 बिहार रेजिमेंट: 1 शहीद
81 माउंट बिग्रेड सिग्नल कंपनी: 1 शहीद
81 फील्ड रेजिमेंट: 1 शहीद
16 बिहार रेजिमेंट: 12 शहीद
– सिपाही कुंदन कुमार
– सिपाही अमन कुमार
– दीपक सिंह
– सिपाही चंदन कुमार
– सिपाही गणेश
– सिपाही गणेश राम
– सिपाही केके ओझा
– सिपाही राजेश ओरांव
– सिपाही सीके प्रधान
– नायब सूबेदार नंदूराम
– हवलदार सुनील कुमार
– कर्नल बी. संतोष बाबू
3 पंजाब रेजिमेंट: 3 शहीद
– सिपाही गुरतेज सिंह
– सिपाही अंकुश
– सिपाही गुरविंदर सिंह
3 मीडियम रेजिमेंट: 2 शहीद
– नायब सूबेदार सतनाम सिंह
– नायब सूबेदार मनदीप सिंह
12 बिहार रेजिमेंट: 1 शहीद
– सिपाही जयकिशोर सिंह
81 माउंट बिग्रेड सिग्नल कंपनी: 1 शहीद
– हवलदार बिपुल रॉय
81 फील्ड रेजिमेंट: 1 शहीद
– हवलदार के. पालानी
कर्नल संतोष की मां ने कहा- बेटे पर गर्व है
कर्नल संतोष 18 महीने से लद्दाख में भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात थे। वे तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले थे। उनकी मां ने कहा- ”मैं दुखी हूं, क्योंकि इकलौता बेटा खो दिया। लेकिन उसने देश के लिए कुर्बानी दी, इस पर गर्व है।”
17 दिन पहले पिता बने थे कुंदन
26 साल के शहीद कुंदन ओझा 17 दिन पहले ही पिता बने थे, लेकिन अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाए। उनके पिता रविशंकर ओझा किसान हैं। कुंदन 2011 में बिहार रेजिमेंट कटिहार में भर्ती हुए थे। तीन साल पहले उनकी शादी हुई थी।
मध्यप्रदेश के दीपक महज 21 साल के थे, 8 महीने पहले शादी हुई थी
मध्य प्रदेश के रीवा का जवान दीपक भी शहीद हो गया। मंगलवार देर रात सेना के अधिकारियों ने दीपक सिंह के शहीद होने की सूचना पिता को फोन पर दी। दीपक 21 साल के थे। 8 महीने पहले ही शादी हुई थी। उनकी पार्थिव देह गुरुवार को रीवा और फिर मनगवां इलाके के फरेहदा गांव लाया जाएगा।
कांकेर का जवान गणेश कुंजाम शहीद, एक महीने पहले बाॅर्डर पर पोस्टिंग मिली थी
छत्तीसगढ़ के जवान गणेश कुंजाम शहीद हो गए। कांकेर के कुरुटोला गांव के रहने वाले गणेश की एक महीने पहले ही चीन के बॉर्डर पर पोस्टिंग हुई थी। हिंसक झड़प में गणेश बुरी तरह से घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
मंगलवार देर शाम कैंप से एक अधिकारी ने जवान के चाचा तिहारू राम कुंजाम को फोन कर इसकी जानकारी दी। बेहद गरीब परिवार से आने वाले गणेश कुंजाम ने 12वीं के बाद ही साल 2011 में आर्मी ज्वाॅइन कर ली थी। वह परिवार में इकलौते बेटे थे। एक महीने पहले उनकी चीन बॉर्डर पर पोस्टिंग हुई थी।
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