नई दिल्ली(14 जुलाई 2016)- घपले घोटाले और कई तरह के आरोपों के बाद दिल्ली की गद्दी गंवा चुकीं शीला दीक्षित उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बनाई गई हैं।कई दशक से उत्तर प्रदेश में अपने वजूद को तरस रही कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बना दिया गया है। काफी दिनों से चल रही चर्चा पर गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जर्नादन द्विवेदी और गुलाम नबी आजाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी औपचारिक घोषणा कर दी है। जबकि संजय सिंह को यूपी में प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया और आरपीएन सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया है।
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि कांग्रेस ने प्रमोद तिवारी की अध्यक्षता में यूपी के चुनावों के लिए एक संयोजन समिति भी बनाई है। इसके सदस्यों में मोहसिना किदवाई, सलमान ख़ुर्शीद, राजीव शुक्ला, श्रीप्रकाश जायसवाल, रीता बहुगुणा, सलीम शेरवानी और प्रदीप जैन आदित्य, पीएल पुणिया, निर्मल खत्री, प्रदीप माथुर शामिल हैं। खबरों के मुताबिक, प्रियंका भी चुनाव प्रचार करेंगी।
उत्तर प्रदेश की बहु होने का दावा करने वाली शीला दीक्षित पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की सियासत से दूरी बनाती दिख रहीं थी लेकिन बाद में पार्टी के फैसले को मानने की बात कह रही हैं। शीला दीक्षित तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और राजीव गांधी की सरकार में भी उन्होंने संसदीय राज्य मंत्री और पीएमओ में राज्य मंत्री का ज़िम्मा संभाला।
माना जा रहा है कि कभी मोदी के लिए लोकसभा और बाद में बिहार विधानसभा में चुनावी प्रचार करने वाली प्रशांत किशोर कांग्रेस के लिए काम करते हुए उत्तर प्रदेश में किसी ब्राह्मण चेहरे को उतारना चाहते थे। ऐसे में हजा़रों करोड़ के टैंकर और मीटर घोटाले के आरोपों से घिरी शीला दीक्षित उनकी पहली पसंद मानी जा रही हैं।
आपको बता दें कि कपूरथाल में जन्मी 78 वर्षीय शीला दीक्षित की शादी उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में कांग्रेस लीडर उमाशंकर दीक्षित के बेटे से हुई थी। शीला 1984 में कन्नौज से सांसद भी रह चुकी है। इसके अलावा राजीव गांधी सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय की राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं। लगातार तीन बार बनीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित भले ही गुटबाज़ी से दूर रही हों लेकिन 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों की तैयारी के विवादों और टैंकर, मीटर घोटाले के आरोपों में घिरी रही हैं।