लखनऊ/गाजीपुर(29जुलाई2015)- यदि आप बैंक से ऑनलाइन लेन देन करते हैं तो सावधान। इन दिनों एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो आपके बैंक एकाउंट से आपकी रकम साफ कर देगा और आपको कानों कान खबर तक नहीं होगी। ऐसे ही गिरोह के पांच लोगों को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ टीम ने पकड़ कर नेट बैंकिंग से फरौड करने वाले गिरोह का किया भांडाफोड़ किया है। एस.टी.एफ को नेट बैंकिंग के जरिये धोखाधड़ी करके बैंक खातों से पैसा निकालने वाले गिरोह के 05 सदस्यों को लखनऊ में गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्तों में राज तिवारी , सुनील चौधरी , शोएब खान, शादाब खान, अखिलेश नाग है। जिनके पास से 10 ए.टी.एम. कार्ड, 10 पैन कार्ड, 08 पास-बुक, 07 चैक-बुक, 22 सिम कार्ड, 9 मोबाइल फोन, ड्राईविंग लाईसेन्स, और 2 अदद वोटर कार्डों के अलावा रू0 2,75,000/- नगद जो कि धोखाधड़ी करके निकाली गयी धनराशि थी।
पुलिस की रिलीज़ में बताया गया है कि एस.टी.एफ. उत्तर प्रदेश को विभिन्न स्रोतो से सूचना प्राप्त हो रही थी कि भारत की विभिन्न फर्मों/कम्पनियों व बड़े व्यक्तिगत बैंक खाता धारकों के चालू व बचत खातों से नेट बैंकिंग व क्लोन चैक के माध्यम से धोखाधड़ी कर पैसा निकाला जा रहा है व उस पैसे को गिरोह के सदस्यों के फर्जी खातों में ट्रान्सफर के कुछ ही मिनटो के अन्दर चैक व ए.टी.एम. के माध्यम से नगद ट्रांसफर किया जा रहा है। नगद आहरण करने वाले खाता धारकों के पते फर्जी होने के कारण उनका सत्यापन न हो पाने की शिकायतें प्राप्त हो रही थी। इन तमाम शिकायतों के सम्बन्ध में एस.टी.एफ. उत्तर प्रदेश, लखनऊ की टीमो द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी, जिसमें लखनऊ में जालीसाजी कर बैंकों से पैसा निकालने वाले गिरोह के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। इस गिरोह का संचालन भोपाल व मुम्बई में बैठे गिरोह के सरगनाओं द्वारा किया जाना ज्ञात हुआ। इन तमाम जानकारियों को डवलप करने पर पता चला कि लखनऊ में भी विभिन्न नामों से फर्जी बैंक खाते खोले गये हैं। जिनका प्रयोग धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को निकालने में किया जा रहा है। पुलिस ने मुखविर की सूचना पर मंगलवार को सी-ब्लॉक, इन्दिरानगर, लखनऊ से इस गिरोह के उपरेाक्त 05 अभियुक्तों को गिरफतार किया गया। पुलिस का दावा है कि गिरफतार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि उनके गिरोह का सरगना शिवेन्द्र सिकारवार, जो भोपाल(मध्य प्रदेश) में रहता है। शिवेन्द्र का सम्बन्ध मुम्बई के विभिन्न जालसाजों सहित कई बैंक कर्मियों से भी है। अभियुक्तों ने बताया कि भोपाल व मुम्बई में बैठे उनके सरगनाओं द्वारा नेट बैंकिंग व क्लोन चैक के माध्यम से इनके द्वारा खुलवाये गये फर्जी बैंक खातों में धन ट्रांस्फर कर देते हैं और तुरन्त पैसा निकालने के उनके द्वारा फोन पर बताया जाता है, जिस पर वे तत्काल चैक व ए.टी.एम. के माध्यम अपने सम्बन्धित फर्जी खाता से धनराशि आहरित कर लेते हैं तत्पश्चात उस खाता से सम्बन्धित चैक-बुक व ए.टी.एम. को नष्ट कर देते हैं, जिससे वे पकड़ में न आ सकें। इस प्रकार वे एक फर्जी खाता का प्रयोग एक बार ही करते हैं। यह भी बताया कि उनके सरगना द्वारा एस.एम,एस. सर्विस को भी हैक कर आधा घन्टा के लिए ब्रेक कर दिया जाता है तथा आधा घन्टे के अन्दर ही पैसा निकालने की हिदायत की जाती है। मोबाइल पर मैसेज भेजने में विलम्ब होने के कारण खाता धारक को उसके खाता से निकली धनराशि की जानकारी समय से नही हो पाती है। उनके सरगना द्वारा पैसा निकलवाने के बाद उन्हें एस.एम.एस. के जरिये खाता संख्या बताया जाता है, जिसमें वे अपने हिस्से की धनराशि काटकर शेष धनराशि एस.एम.एस. के जरिये प्राप्त खाता में डाल देते हैं। गिरफतार अभियुक्तो ने यह भी बताया कि उनके द्वारा जनपद-झांसी की एक बड़ी कम्पनी के बैंक खाता इसी प्रकार अपने फर्जी बैंक खातो में भारी धनराशि ट्रान्सफर करके निकाली गयी थी। जिसमें इन लोगों द्वारा खुलवाये गये फर्जी खाता धारक धीरू सिंह को पुलिस तलाश कर रही है। यह भी बताया कि दिनाक 28-07-2015 को शिवेन्द्र सिकरवार ने अखिलेश नाग के आई.सी.आई.सी.आई. बैंक खाता में रू0 4,90,000/- ट्रान्सफर किये हैं, जिसमें से रू. 1,65,000/- मोबाइल मनी ट्रान्सफर के जरिये सुनील चौधरी द्वारा फर्जी तरीके से सुमित शुक्ला नाम से खोले गये बैंक खाता में ट्रान्सफर किया गया तथा रू0 2,20,000/- किसी तनवीर नामक व्यक्ति के बैंक खाता में ट्रान्सफर किया गया है। शिवेन्द्र सिकरवार का फोन आने पर उनके द्वारा तत्काल अपने फर्जी खातों से यह पैसा निकाल लिया। तनवीर नामक व्यक्ति के बारे में छानबीन की जा रही है।