नई दिल्ली (13 जुलाई 2016)- अरुणचल प्रदेश के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरकार की सियासी गलियारों में जमकर फज़ीहत हो रही है। कभी मोदी के सहयोगी रहे जनता दल युनाइटेड ने मोदी सरकार को घेरते हुए सरकार की कड़ी आलोचना की है। जनता दल यू सासंद के.सी त्यागी ने एक बयान जारी करते हुए अरूणाचल प्रदेश के मामले में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि न्यायालय का यह फैसला संवैधानिक मान्याताओं की विजय है।
जद यू सासंद कृष्ण चंद त्यागी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय बेंच ने अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल जे पी राजखोवा द्वारा राज्य में थोपे गये राष्ट्र्पति शासन के फैसले को अवैध तथा संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करार दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि शासक दल द्वारा राज्यपाल जैसे बड़े संवैधानिक पद का दुरूप्योग किया गया है।
श्री त्यागी का कहना है कि पिछले वर्ष के दिसम्बर माह में अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री व अन्य कैबिनेट मंत्रियों से विमर्श किये बिना राज्य के विधान सभा सत्र की तिथि को आगे बढ़ाने जैसा असंवैधानिक कदम उठाया गया था। विधान सभा सत्र की पूर्व निर्धारित तिथि 14 जनवरी 2016 थी। उन्होंने बेवजह हस्तक्षेप करते हुए 16 दिसम्बर 2015 को सत्र शुरू करने का आदेश दिया था। राज्यपाल का यह प्रयास चुनी हुई बहुमत की सरकार को अस्थिर कर एक विशेष राजनीतिक दल की सरकार स्थापित करने का घिनौना प्रयास था। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा ही एक और प्रयास उत्तराखण्ड सरकार को अस्थिर कर अपनी पार्टी की सरकार बनाने की कोशिश कर चुकी है जिसे उच्च न्यायालय द्वारा खारिज भी किया जा चुका है। बिहार में भी राज्य के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से बगैर किसी विमर्श के श्री रामनाथ कोबिन्द की बतौर राज्यपाल नियुक्ति कर दी गई। इस तरह की कोशिशें संघीय ढांचे को कमजोर करने वाली हैं।
राज्यसभा सासंद केसी त्यागी का कहना है कि अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्र्पति शासन थोपे जाने के केंद्र सरकार व राज्यपाल के असंवैधानिक फैसले की जनता दल (यू) कड़े शब्दों में निंदा करता है। साथ ही वहां के राज्यपाल श्री जे पी राजखोवा को वापस बुलाये जाने की मांग भी करता है।