नई दिल्ली (17 अक्टूबर 2015) वैट कमिश्नर द्वारा फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई के बाद तबादले का मामला । आम आदमी पार्टी की सरकार के गठन के बाद दिल्ली में तबादले और पोस्टिंग का धंधा बंद किया गया था । और दिल्ली सरकार गृह मंत्रालय की बनाई व्यवस्था के मुताबिक उपराज्यपाल से सलाह लेकर ही तबादले और नियुक्तियां कर रही थी लेकिन हाल ही में माननीय उपराज्यपाल द्वारा वैट कमिश्नर विजय कुमार का तबादला दिल्ली सरकार से मशविरा किये बिना ही कर दिया गया। इससे सवाल खड़ा होता है कि केंद्रीय गृमंत्रालय और उपराज्यपाल कार्यालय कौन सी लॉबी के दबाव में काम कर रहे हैं? काबिले गौर है कि वैट कमिश्नर विजय कुमार द्वारा जनकपुरी की एक जगह से चल रही 40 फर्ज़ी कंपनियों पर कार्रवाई करने के तुरंत बाद ही मोदी सरकार के इशारे पर उपराज्यपाल महोदय ने वैट कमिश्नर कुमार का तबादला करते हुए उनकी दिल्ली से रवानगी कर दी। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने इस मसले पर कहा कि वह वैट कमिश्नर के इस मुद्दे पर माननीय राष्ट्रपति महोदय और केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने का वक्त मांग रहे हैं ताकि उनके सामने इस मसले को रखा जा सके और साथ ही हम दिल्ली एसीबी में भी माननीय उपराज्यपाल महोदय के खिलाफ़ शिकायत भी करेंगे ।