दिल्ली(2अगस्त2015)- दिल्ली में लोकपाल बनाने की पुरजोर मांग को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी आंदोलन का मन बना चुकी है। डीपीसीसी के अध्यक्ष अजय माकन की अगुवाई में दिल्ली की 14 जिला कांग्रेस कमेटियों के हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में रविवार को धरनों का आयोजन किया। इस मौके पर अजय माकन ने कहा कि यदि अगले 15 दिनों में दिल्ली में लोकपाल का गठन नहीं हुआ तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रत्येक विधानसभा व वार्ड में धरनें व प्रदर्शन करेगी।
हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि तोमर, मनोज तो झांकी है, 27 विधायक बाकी हैं। अजय माकन व अखिल भारतीय कांग्रेस दिल्ली प्रभारी पी.सी. चाको, सचिव कुलजीत सिंह नागरा ने सभी जिलों में आयोजित धरनों को सम्बोधित किया व पूर्व विधायक, निगम पार्षद, जिला एवं ब्लाक अध्यक्ष के अलावा हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मलित हुए। माकन ने कार्यकर्ताओं को कहा कि इस लड़ाई को अंत तक जारी रखेंगे जब तक आम आदमी पार्टी दिल्ली में लोकपाल को स्थापित नहीं करती। अजय माकन ने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फैंकने का झूठा वादा करके अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में पहली बार में ही कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने में कामयाब हो गये। लेकिन मात्र 49 दिन के बाद ही उन्होंने यह बहाना बनाकर त्याग पत्र दे दिया कि उन्हें लोकपाल नहीं बनाने दिया जा रहा है। लेकिन अब अरविन्द केजरीवाल को पूर्ण बहुमत के साथ बनी उनकी सरकार को आगामी 14 अगस्त को 6 महीने हो जायेंगे परंतु लोकपाल का कोई अता पता नहीं है।उन्होने कहा कि जिस लोकपाल को लेकर यू.पी.ए. सरकार ने संसद में एक कानून भी पास कर दिया था जिस पर अन्ना हजारे की मोहर भी लग चुकी है। ज्ञात है कि दिल्ली में नवम्बर 2013 से लोकायुक्त की नियुक्ति भी नहीं हुई है। अजय माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी अन्ना हजारे के आंदोलन के कारण अस्तित्व में आई थी और अन्ना हजारे के साथ अरविन्द केजरीवाल भी लोकपाल की मांग को लेकर रामलीला मैदान में बैठे थे। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में निष्पक्ष लोकपाल या लोकायुक्त की नियुक्ति हो जाती है तो केजरीवाल के सहित 27 और आम आदमी पार्टी के विधायक जांच के घेरे में आ जाऐंगे। माकन ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल केन्द्र से लड़ाई करने के लिए और ऐसे मुद्दों पर जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते उनके लिए आऐ दिन लाखों रुपये खर्च करके विधानसभा का विशेष सत्र बुलाते रहते है परंतु उनके पास लोकपाल को बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का समय नहीं है।
कांग्रेस और आंदोलन