गाजियाबाद(25अगस्त2015)- नये बस अड्डे पर निर्माणादीन रेड मॉल की भूमि पर स्वामित्व को लेकर जीडीए भी अब आक्रामक मूड में आ गया है। जीडीए ने रेड मॉल की भूमि को अपनी बताते हुए निगम पर अपना करोड़ रुपया बक़या होने का दावा किया है। इतना ही नहीं जीडीए ने नगर निगम को घेरने के लिए अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है।
गौरतलब है कि नगर आयुक्त अब्दुस्समद ने जीडीए को पत्र लिखकर कहा था कि रेड मॉल का निर्माण अवैध है। चूंकि जिस ज़मीन पर रेड मॉल बनाया जा रहा है। वह अभी भी नगर निगम के स्वामित्व में है। पत्र के मुताबिक़ जीडीए ने गलत तरीके से यह भूमि मॉल के निर्माता को 100 करोड़ में बेची थी। नगर आयुक्त ने जीडीए से इसको लेकर कार्रवाई की मांग की थी। इसको ख़बर को सोमवार को अपोज़िशन न्यूज़ डॉट कॉम (http://www.oppositionnews.com) ने सबसे पहले ब्रेक किया था।इसके बाद भाजपा पार्षद राजेद्र त्यागी समेत कई समाज सेवियों ने इस मामले को लेकर जीडीए कोर्ट में घसीटने की चेतावनी दी थी।अपोज़िशन न्यूज़ डॉट कॉम (http://www.oppositionnews.com/) ने इस संबध में जीडीए सचिव रिवंद्र गौडबोले से बात की तो उन्होने दावा किया कि इस भूमि पर जीडीए का स्वामित्व है। गौडबोले ने बताया कि इस मामले पर विधानपरिषद द्वारा मेरठ कमिश्नर के मध्यस्ता से पहले ही निबटारा किया जा चुका है, और इस संबध में विधानपरिषद को सूचित भी किया जा चुका है।हांलाकि गौडबोले के मुताबिक़ विधानपरिषद के निर्देश पर जब नगर निगम व जीडीए के बीच आपसी लेन देन के मामले को निबटाने को कहा गया, जीडीए ने उस वक्त भी नगर निगम की ओर एक करोड़ रुपया बकाया होने का दावा किया था। परंतु बक़ौल गौडबोले मेरठ कमिश्नर की पहल पर एक करोड़ रुपये के भुगतान का मामला निस्तारित कर दिया गया था। जीडीए सचिव गौडबोले ने आगे बताया कि नगर निगम के साथ हुए इस समझौते की बाबत विधानपरिषद को सूचित कर दिया गया था। साथ ही उनका कहना है कि नगर आयुक्त उस चिठ्ठी को भी सार्वजनिक करें।
वहीं सूत्रों का कहना है कि नगर आयुक्त की चिठ्ठी की बाद जीडीए ने भी नगर निगम पर पलटवार करने का मन बना लिया है। जीडीए नगर आयुक्त के कैंप कार्यालय समेत कई संपत्तियों की फाइलें खंगाल रहा है, ताकि नगर निगम को माक़ूल जवाब दिया जा सके।