नई दिल्ली( 21 फरवरी2016)- आरक्षण मुक्त भारत का सपना लिए कई राज्यों से आये आंदोलनकारियों ने “आरक्षण विरोधी आंदोलन” के बैनर तले राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की निजि क्षेत्र में 27प्रतिशत आरक्षण की सिफारिशों का विरोध-प्रदर्शन कर भारत के केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को ज्ञापन पत्र सौंपा।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे यू एस राणा ने कहा की देश में दो वर्गों के बीच खाई को आरक्षण रूपी दानव द्वारा बढ़ाया जा रहा है, आरक्षण के कारण देश में सबका साथ सबका विकास का कोई मतलब नहीं रह जाता। कर्नल अशोक चौहान जी ने आरक्षण को दीमक की उपमा दी और कहा यह धीरे – धीरे इस देश को खोकला कर रहा है। महामन्त्री, तजेन्द्र सिंह पंवार ने कहा कि बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री के वक्तव्य जिसमे “आरक्षण की मौजूदा स्थिति पर कोई भी विचार मेरे जीते जी नहीं होगा” द्वारा यह स्पष्ट हो गया है कि आरक्षण की यह लड़ाई लम्बी और संघर्ष भरी रहने वाली है। सर्व आनंद मोहन मिश्रा, कमल शर्मा, पुनीत अग्रवाल, शिखा सिंह, सोनाली शर्मा, शैलेन्द्र सिंह चौहान, नितिन चौहान, मोनू सेंगर, राम मिश्रा, सर्वेश सिंह, दुष्यन्त सिंह आदि ने प्रमुखता से भाग लिया ।