रांची(16जुलाई2015)-दबी और उपेक्षित मुस्लिम समाज की आवाज़ का नया प्लेटफार्म बनती जा रही राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल ने अब झारखंड में अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया है।
रमज़ान के पाक महीने में रोज़ा इफ़्तार जहां दीगर सियासी जमातों के लिए महज़ राजनीति का हिस्सा रहीं हों, वहीं राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल यानि आरयूसी के लिए रोज़ा इफ़्तार एक मज़हबी फरीज़ा हैं। और इसके ज़रिए अवाम से जुड़ते हुए राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी झारखंड के अहम शहर रांची में एक रोज़ा इफ़्तार में शरीक हुए। इस मौक़े पर मुस्लिम समाज ने उनका ज़बरदस्त स्वागत किया। मौलाना ने इस मौक़े पर मौजूद लोगों का आह्वाहन किया कि अपने दीन से दूर न जाएं और मौजूदा दौर में शिक्षा और तकनीक के अलावा राजनीतिक जागरुकता समाज के लिए बेहद ज़रूरी है।