नई दिल्ली (5नवंबर2015)-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में कुलाध्यक्ष सम्मेलन (विजिटर्स कांफ्रेंस) में ‘इम्प्रिंट इंडिया’ ब्रोशर (विवरणिका) जारी किया । यह भारत के लिए प्रासंगिक दस प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की प्रमुख अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौतियों से निपटने की योजना तैयार करने के लिए समस्त आईआईटी संस्थानों एवं आईआईएससी की संयुक्त पहल है।
इस मौके पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को सीखने के लिए नवाचार को प्रमुखता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों का समाधान खोजना और बर्बादी को धन में परिवर्तित करना, भारत के उभरने की कुंजी है। उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों से रक्षा विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विज्ञान सार्वभौमिक है लेकिन तकनीक स्थानीय होनी चाहिए।’ उन्होंने शिक्षा एवं उद्योग जगत की भागीदारी बढ़ाने का भी आह्वान किया।