नई दिल्ली(9अगस्त2015)- राजस्थान में रक्षा क्षेत्रा में निवेश की मौजूद संभावनाओं के दोहन को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया बेहद गंभीर हैं। इस बारे में उन्होने रविवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाक़ात की है। श्रीमती राजे ने रक्षामंत्री को बताया कि क्षेत्राफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान में रक्षा क्षेत्रा से जुड़ी सार्वजनिक क्षेत्रा की देश की प्रमुख कम्पनियों के विस्तार की विपुल संभावनाएं मौजूद हैं। विशेषकर, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, मिश्र धातु निगम लिमिटेड आदि रक्षा उपकरणों का निर्माण करने वाली कंपनियों का राज्य में विस्तार किया जाना चाहिए। उन्होने ने बताया कि राजस्थान में दुनिया के नामचीन औद्योगिक संस्थानों द्वारा कारोबार किया जा रहा है। इनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रा से सटे नीमराना के जापानी जोन जैसे विदेशी निवेश हब भी शामिल हैं। जिससे प्रदेश में लगातार औद्योगिक विकास का वातावरण तैयार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने रक्षामंत्री को बताया कि आगामी 19 व 20 नवम्बर को जयपुर में ‘रिसर्जेंट-राजस्थान पार्टनरशिप समिट’ का बड़ा आयोजन हो रहा है। राजे ने बताया कि राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास निवेश निगम (रीको) द्वारा राजस्थान में जयपुर, जैसलमेर और बाड़मेर के पास 500 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्रा में भूमि उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से वैट एवं अन्य करों में 20 से 65 प्रतिशत तक की छूट दिये जाने का प्रावधान है। राज्य सरकार द्वारा जारी ‘‘राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति’’ के अन्तर्गत रक्षा क्षेत्रा में 100 से 500 करोड़ रूपये का निवेश करने पर वैट में सात वर्ष तक 50 प्रतिशत अनुदान (सब्सिडी) प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है। सीएम राजे ने रक्षामंत्री से आग्रह किया कि रक्षा क्षेत्रा से जुड़ी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रा की इकाइयों को राजस्थान में और अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होने बताया कि रक्षा क्षेत्र निवेश की दृष्टि से उभरता हुआ एक नया क्षेत्रा है। सीएम के मुताबिक राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां रक्ष क्षेत्र में निवेश के लिए अनुकूल हैं। बैठक में राजस्थान से सटी लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ी सुरक्षा एवं सीमा क्षेत्र विकास, सड़कों के विकास एवं सैनिक कल्याण आदि विभिन्न मुद्दों भी पर विस्तार से चर्चा हुई।