नई दिल्ली(6 सितंबर 2015)- पूरी दुनिया में जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने व ठोस कानून बनाने की मांग को लेकर विश्व जल शांति यात्रा का शुभारंभ शनिवार को राजघाट से हुआ। पैदल मार्च के साथ शुरू हुई शांति यात्रा के दौरान कार्यकर्ता देश-विदेश में भ्रमण कर लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे। यात्रा की शुरुआत रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हरी झंडी दिखाकर की। जल पुरुष राजेंद्र सिंह भी मार्च में शामिल हुए।
शनिवार को राजघाट पर देशभर से लोग पहुंचे, मार्च में शामिल लोगों ने राहगीरों से जल का संरक्षण करने की गुजारिश की । यात्रा का पहला पड़ाव महाराष्ट्र और दूसरा पड़ाव राजस्थान में होगा। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों में कई दल भ्रमण करेंगे और लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे । वर्ष 2017 में सभी को जेनेवा में एकत्र होंगे, जहां संयुक्त राष्ट्र संघ से इस दिशा में ठोस पहल करने की अपील की जाएगी।
बागपत के डौला गांव निवासी राजेंद्र सिंह ने 27 अगस्त को स्वीडन में ‘स्टॉमहोम वर्ल्ड अवार्ड’ मिलने के दौरान विश्व शांति यात्रा निकालने का ऐलान किया था। राजेंद्र सिंह दुनिया के सामने तब सुर्खियों में आए जब वर्ष 2001 में उन्हें रैमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला था। निर्धारित कार्यक्रम अनुसार जल पुरूष राजेंद्र ¨सिंह ने राजघाट दिल्ली स्थित महात्मा गांधी की समाधि से जल संरक्षण को लेकर विश्व शांति यात्रा शुरू की।
गौरतलब है कि जल की जो बर्बादी हो रही है वह चिंता का विषय है। ऐसे में जल की बर्बादी को रोकना बेहद जरुरी है। नदियों के प्राकृतिक स्वरूप से छेड़छाड़ की जा रही है। नदियों का पानी प्रदूषित हो रहा है लेकिन लोग बेपरवाह बने हैं। लोकतंत्र में पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की है। इस विषय पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति दुनिया के कई देशों में धीरे-धीरे पैदा होती जा रही है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो अगला विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा। आवश्यकता है पानी की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को बचाने की, भूजल शोषण पर रोक लगाने की एवं बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने की।