नई दिल्ली (14 अक्तूबर 2015) नई दिल्ली के वायुसेना मुख्यालय में वायुसेना के कमांडरों का सम्मेलन शुरू हुआ । रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस द्विवार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ किया।
वायुसेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने पर्रिकर, माननीय रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, रक्षा सचिव जी मोहन कुमार और रक्षा उत्पादन सचिव एके गुप्ता का स्वागत किया। इसके बाद एयर चीफ मार्शल ने वायुसेना के कमांडरों का रक्षा मंत्री से परिचय करवाया।
वायुसेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री को भारतीय वायुसेना की परिचालन की स्थिति की जानकारी दी और विमानों, विशेषकर लड़ाकू बेड़े की उपयोगिता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। वायुसेना प्रमुख ने नेपाल में विनाशकारी भूकंप के बाद मानवीय सहायता के लिए वायुसेनाकर्मियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। वायुसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में यमन में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना के ऑपरेशन का भी सराहनीय उल्लेख किया। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे पर मिराज -2000 लड़ाकू विमान की सफल लैंडिंग के बाद वायुसेना निकट भविष्य में भी इस तरह की सतहों से संचालन क्षमता को विस्तार देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि वायु सेना के वीरों के ऊंचे मनोबल के लिए सफल ऑपरेशन करना परम आवश्यक है। इसलिए अब यह जरूरी हो गया है कि मानव संसाधन के विकास और वायुसेना के योद्धाओं के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।