योगी जी..! जनसुनवाई में आपकी नाकामी पर शिकायत अब दूर हो गई..!!! सामने ही रखा उल्टा राष्ट्रीय ध्वज नज़र नहीं आया तो जनता की परेशानी कैसे दिखेगी ???
ग़ाज़ियाबाद (04 नवंबर 2017)- कभी सोनिया गांधी के रंग को लेकर विवादित बयान देना तो कभी करोड़ों रुपए कैश बरामद होने पर चर्चा में आना तो कभी आंतकियों के नाम पर किसी ख़ास समुदाय पर निशाना साधने के अलावा कई तरह के मामलों में चर्चा में रहने वाले बीजेपी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। लेतिन ख़ास बात ये है कि इस बार वो अकेले ही चर्चा में नहीं हैं। इस बार गिरिराज सिंह एक ऐसी महान हस्ती के साथ चर्चा में हैं जिनके ऊपर देश के सबसे बड़े राज्य को संभालने और जनता के हितों पर नज़र रखने की ज़िम्मेदारी सौंपते हुए जनता ने पूर्ण बहुमत से भी ज्यादा सीटे उनको सौंपी है।
लेकिन अफसोस उनकी नज़र विदेश में जाते ही इतनी कमज़ोर हो गई कि देश का राष्ट्रीय ध्वज उनके सामने उल्टा लगा रहा और वो बेख़बर रहे। सबसे अफसोसनाक और शर्मनाक बात ये है कि न सिर्फ उनको उल्टा राष्ट्रीय ध्वज नहीं दिखा, बल्कि उन्होने या उनके मीडिया मैनेजर्स ने इसी उल्टे राष्ट्रीय झंडे के सामने खींची गई योगी की तस्वीर को ट्विटर तक पर पोस्ट कर दिया। हांलाकि बाद में फ़ज़ीहत होने पर पोस्ट हटा दी गई है।
जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की.. जिनके कंधो पर इतना बोझ है कि उनको अपनी ही टेबल पर सामने रखा उल्टा राष्ट्रीय ध्वज तक नज़र नहीं आया। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और पूर्व सांसद योगी आदित्यनाथ मॉरिशस गये थे जहां उनके साथ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी मौजूद थे। जिस टेबल पर बैठ कर उन्होने अप्रवासी घाट पर आगंतुक बुक में दस्तख़त यानि हस्ताक्षर किये थे, उसी टेबल पर चंद इंच की दूरी पर भारत राष्ट्र गौरव और पहचान का राष्ट्रीय ध्वज उलटा लगा हुआ था। शर्मनाक बात ये है कि इसी फोटो को योगी आदित्यनाथ के ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट भी कर दिया गया। हालांकि बाद में उसको हटा दिया गया है।
इस उल्टे राष्ट्रीय ध्वज मामले पर कुछ कथित राष्ट्रवादी लोगों की अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है। हमको तो फिलहाल इसकी एक ही वजह दिख रही है कि उल्टे राष्रट्रीय ध्वज के लिए ज़िम्मेदार लोगों में जो नाम सामने आ रहा है वो मॉरिशस में अप्रवासी घाट ट्रस्ट फंड के अध्यक्ष धरम यश है। जिन्होने इसके लिए माफी मांग ली है।
देश का राष्ट्रीय ध्वज विदेशों तक में उल्टा लगा रहा गिरिराज सिंह जैसे राष्ट्रवादी नेता और योगी आदित्यनाथ की नज़र चूक गई और यहां देश में उनके मीडिया प्रभारियों ने इस फोटो को ट्विटर तक पर पोस्ट कर दिया। ये कोई मामूली बात नहीं है।
लेकिन इस घटना के बाद हमने भी आज योगी जी की एक बड़ी नाकामी के लिए उनको लगभग माफ करने का मन बना लिया है। दरअसल ग़ाज़ियाबाद ज़िला मुख्यालय, ज़िलाधिकारी के घर से, एसएसपी के कार्यालय, एसएसपी के घर से, मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय से महज़ चार या पांच किलोमीटर दूर दबंगों, भूमाफिया और सरकारी तंत्र के कुछ लोगों ने एक गांव का रास्ता और पानी निकासी को जबरन बंद कर दिया है। जिसके लिए मुख्यमंत्री, उनके जनसुनवाई पोर्टल और जिलाधिकारी गाजियाबाद तक को शिकायत की गई है। लेकिन इस मामले में लगता यही है कि चाहे मुख्यमंत्री ख़ुद हो या फिर उनका जनसुनवाई सिस्टम या फिर ज़िलाधिकारी की ताक़त सभी स्थानीय माफिया के सामने बेबस साबित हो रहे हैं। दरअसल जिस गांव मिसलगढ़ी और इंद्रगढ़ी की यह घटना है उसी गांव के किसानों की भूमि को अधिग्रहण करके वहां पर गोविंदपुरम नाम की एक पॉश कॉलोनी विकसित की गई है। लेकिन कुछ महीने पहले इस गांव के पुराने रास्ते और पानी निकासी के रास्ते को बंद करके वहां नाले प रबने पुल तक को तोड़ दिया गया है। और प्रदेश की सबसे बड़ी ताक़ते बेबस नज़र आ रही है। ऐसे में जनसुनवाई या सीएम योगी आदित्नाथ से जनता को शिकायत होना लाज़िम ही था।
लेकिन मॉरिशन में उल्टा राष्ट्रीय ध्वज तक को न देख पाने वाले सीएम साहब को जनसुनवाई में जनता की शिकायत नज़र न आए तो कोई ताज्जुब नहीं होना चाहिए। बहरहाल हमें यक़ीन है कि सीएम योगी आदित्नाथ बहुत काम करना चाहते हैं और उनका पुराना रिकार्ड भी काफी अच्छा है लेकिन शायद कुछ उनके लोग नहीं चाहते कि सीएम साहब खुल कर काम करें या उनका नाम रोशन हो। तो ऐसे में हो सकता है कि कुछ विरोधी या कुछ भीतरघाती ही योगी आदित्यनाथ को जनता से जुड़े मुद्दे उन तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं। चाहे गोरखपुर का अस्पताल हादसा हो या फिर सरकार के लाख दावों के बावजूद गांवो की बदहाली ये सभी मामले ऐसे हैं जिनमे बतौर मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ को सोचना होगा कि आख़िक कमी कहां रह गई है।