नई दिल्ली (14 अक्टूबर, 2015 )- देश में बिगड़े साम्प्रदायिक माहौल पर देश के प्रधानमंत्री का लम्बे मौन के बाद आया बयान बेहद ही साधारण और अर्थविहीन रहा। आम आदमी पार्टी का मानना है कि प्रधानमंत्री का हर बयान कुछ इस तरह का होता है जिससे वो देश के प्रधानमंत्री कम और बीजेपी के प्रधानमंत्री ज्यादा नजर आते हैं। कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की हत्या से लेकर दादरी कांड, व्हाट्सप्रेस एप की निगरानी हो या गुलाम अली के कार्यक्रम के विरोध से लेकर सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही फेंकने तक देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन हो रहा है।
आम आदमी पार्टी द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक़ भारत से हज़ारों किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया में किसी युवा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री अपनी संवेदना प्रकट कर देते हैं लेकिन दिल्ली के उनके निवास से 20 किलोमीटर दूर ग्रेटर नोएडा में अपने ही देश के नागरिक की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाती है और उस घटना पर संवेदना ज़ाहिर करने के लिए देश के प्रधानमंत्री के पास शब्दों की कमी पड़ जाती है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि देश की जानी मानी शख़्सियत वी. कुरियन के निधन और बॉलीवुड कलाकार फ़ारुख़ शेख़ के निधन पर संवेदना प्रकट करने के लिए देश के प्रधानमंत्री के पास विचारों का अभाव हो जाता है। यह सब सिर्फ यही दर्शाता है कि आदरणीय नरेंद्र मोदी जी अपने आप को सिर्फ एक पार्टी विशेष का प्रधानमंत्री ही मानते हैं। देश के बिगड़े साम्प्रदायिक माहौल पर पहले तो पीएम मौन धारण कर लेते हैं और अब जब बोलते हैं तो छद्म धर्मनिरपेक्षता जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर देश के संविधान और उसके मूल्यों का अपमान करने वाला बयान दे देते हैं। आम आदमी पार्टी ये मांग करती है कि प्रधानमंत्री यह साफ़ करें कि वो किसी पार्टी विशेष के प्रधानमंत्री है या पूरे देश के ? क्योंकि भारत का प्रधानमंत्री रहते हुए उनकी देश के प्रत्येक नागरिक की तरफ़ ना केवल जिम्मेदारी बनती है बल्कि जवाबदेही भी बनती है।
इसके अलावा केंद्र की सत्ता पर काबिज़ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी जब दादरी मामले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हैं तो वो भी इस घटना के संदर्भ में विपक्षियों के बयानों और दौरों की ही आलोचना करते हुए नज़र आते हैं जबकि उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं के बयानों और दौरों पर वो एक शब्द नहीं बोलते जबकि पूरा देश देख रहा है कि दादरी में जाकर भड़काउ और उत्तेजक बयानबाज़ी सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ही की थी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश में अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर रही है जिसका आम आदमी पार्टी विरोध करती है और आगे भी करती रहेगी।