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गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड पर सरकार की किरकिरी  

गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड पर सरकार की किरकिरी  

नई दिल्ली (17जनवरी2015)-हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी को समर्थन देने और उसकी नय्या को पार लगाने में मदद करने वाले ध

गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड पर सरकार की किरकिरी  
गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड पर सरकार की किरकिरी

र्म गुरु गुरमीत राम रहीम को लेकर बीजेपी को ख़ासी फज़ीहत का सामना करना पड़ रहा है। उनकी विवादित फिल्म को मैसेंजर ऑफ गॉड को सैंसर बोर्ड से कथित रूप से जबरन क्लीयरैंस दिलाने के बाद सैंसर बोर्ड के कई अफसरों का सामूहिक स्तीफा केंद्र सरकार के लिए मुसीबत बनता दिख रहा है। इस मामले में पहले बोर्ड ने फिल्म पर आपत्ति करते हुए उसके प्रसारण पर रोक लगा दी थी। लेकिन बाद में अचानक दी गई अनुमति ने बोर्ड में भूचाल ला दिया है।

हालात ये हो गये हैं कि चारों तरफ से घिरती केंद्र सरकार को अब बाक़ायाद सफाई देनी पड़ गई है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड को अब सेंसर सर्टिफिकेट मिलने के विवाद में इस्तीफों की झड़ी पर आज सरकार को भी अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी है। इस मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन के इस्तीफा देने पर सफाई दी है कि सेंसर बोर्ड के सदस्य बेवजह बग़ावत पर उतारू हैं। जेटली ने पिछली सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर सेंसर बोर्ड में भ्रष्टाचार है तो वो यूपीए की नियुक्तियों की वजह से है।

वित्त मंत्री के अलावा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे अरुण जेटली ने कहा कि एनडीए सरकार फिल्मों को सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र देने के सभी मामले से अपने को दूर ही रखती है। सरकार सेंसर बोर्ड के काम में दखल नहीं देती है।

हम आपको याद दिला दे कि सेंसर बोर्ड अध्यक्ष लीला सैमसन के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद बोर्ड सदस्य इरा भास्कर ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया था। जिसेक बाद बोर्ड के 8 और सदस्यों ने भी इस्तीफा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेज दिया है और अपने काम में दखल को पद छोड़ने का कारण बताया है।

जानकारी के मुताबिक बोर्ड के अन्य सदस्य सरकार पर उनके काम दखल देने का आरोप लगाने वाली लीला सैम्सन के समर्थन में हैं। पद छोड़ने वाले सदस्यों में इरा भास्कर, राजीव मसंद, पंकज शर्मा, लोरा प्रभु, ममंग दाय, टीजी थायगराजन, शुभ्रा गुप्ता, शेखरबाबू कंचरेला और शाजी करूण हैं।

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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