आजकल हिंदु और मुसलमन को बांटने के नाम पर कभी पलायन, कभी असहिष्णुता तो कभी लव जिहाद या गाय का गेम खेला जा रहा है। इसके लिए कई लोग बीजेपी और संघ परिवार की कथित साज़िश की बात करते हैं। लेकिन कई बार कुछ कथित और स्वंभू मुस्लिम नेता और बुद्धिजीवी भी आग में घी डालने का काम करते हैं। इससे कोई हल तो निकलता नहीं साथ ही हालात और बिगड़ जाते हैं। शायद यही शरारती तत्वों की मंशा भी रहती है।
लेकिन आज एक बड़ी सच्चाई आपको भी समझना होगी। बहैसियत मुस्लिम नागरिक भारत से बेहतर, सुरक्षित, सैक्युलर और संवैधानिक हक़ो के अलावा स्वतंत्रता की आजादी वाला देश हमारे लिए पूरी दुनियां में कोई नहीं है। ज़रूरत इस बात की है। अपने हक़ों के साथ साथ हम सबको अपनी ज़िम्मेदारियों को भी समझना होगा। साथ ही सिर्फ चुनावों के मौसम में जागरुक होने के बजाए आम दिनों में भी अपने समाज के लिए कुछ करना होगा।