लखनऊ(23जुलाई2015)- उत्तर प्रदेश सरकार मज़दूरों के बच्चों और उनकी शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर है।जिसके लिए उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद ने एक योजना शुरु की है। जिसका लाभ प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान के अन्तर्गत पंजीकृत अधिष्ठानों एवं औद्योगिक कारखानों में कार्यरत श्रमिकों के मेधावी पुत्र/पुत्रियों को मिलेगा। जिन्होंने वर्ष 2015 में हाईस्कूल/इण्टरमीडिएट/ स्थनातक/परास्नातक (कला, विभान, वाणिज्य एवं कृषि) की परीक्षा 60 प्रतिशत या उससे अधिक अंकों से पास की हो। नियमानुसार शर्ते पूरी करने पर उ.प्र्र. श्रम कल्याण परिषद द्वारा पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
इस बारे में उ.प्र श्रमायुक्त लखनऊ क्षेत्र, लखनऊ बी.जे.सिंह ने बताया कि पुरस्कार राशि उन्ही छात्र/छात्राओं को दी जायेगी, जिनके माता पिता, औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अन्तर्गत श्रमिक की परिभाषा से आवर्त होते हों तथा जिनका मासिक वेतन 15000/- से अधिक न हो, जिनके माता-पिता कारखाने में कम से कम 06 माह तक लगातार नियमित सेवा की हो प्रार्थना पत्र देते समय सेवारत हो, यदि छात्र/छात्रा के दोनों ही उत्तर प्रदेश स्थित कारखाने के श्रमिक हैं, तो माता तथा पिता का कुल मासिक वेतन रू0 15000/- से अधिक नहीं होना चाहिए।
उप श्रमायुक्त ने बताया कि 60 प्रतिशत या इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को रू0 3000/- प्रति अभ्यर्थी एक मुश्त, पिचहत्तर प्रतिशत या इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को रू0 5000/- प्रति अभ्यर्थी एक मुश्त। उन्होंने बताया कि सभी लाभार्थियों का खाता (पुत्र/पुत्रियों) का खाता पंजाब नेशनल बैंक में होना अनिवार्य है। अन्य किसी बैंक में खाता होने पर आवेदन-पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। लाभार्थियों (पुत्र/पुत्रियों) को अपने बैंक खाते के पास बुक की छायाप्रति आवेदन-पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य है। पुरस्कार राशि की देय धनराशि श्रम कल्याण आयुक्त, उत्तर प्रदेश, कानपुर के कार्यालय द्वारा सभी पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में इलेक्ट्रानिक्स ट्रान्सफर के माध्यम से भेज दिया जायेगा। आवेदन पत्र की अंतिम तिथि 30 सितम्बर, 2015 निश्चित है। अधिक जानकारी के लिये कार्यालय उप श्रमायुक्त, लखनऊ क्षेत्र, लखनऊ से सम्पर्क कर सकते हैं।