बाराबंकी (17 नंवबर 2017)- उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में चुनावी सभा सजी थी….जहां सूबे के दो मंत्री, दारा सिंह चौहान और रमापति शास्त्री मौजूद थे, और बीजेपी से उम्
मीदवार अपनी पत्नी के लिए वोट मांग रहे थे, रंजीत बहादुर। लेकिन उन्होने वोट मांगने के बजाए मुसलमानों को सीधे सीधे धमकाते हुए कहा कि अगर मेरी पत्नि और बीजेपी के उम्मीदवारों को वोट नहीं दिया तो अंजाम बुरा होगा, साथ ही उन्होने कहा कि वो कोई भीख नहीं मांग रहे हैं।उन्होने कहा कि तुम्हारी कोई मदद करने नहीं आएगा अब सरकार बीजेपी की है।
उन्होने पार्टी से मशवरे के बाद ही बहुत सोच समझकर सब कहा होगा तो शायद उनकी बात ठीक ही होगी, हमको उनसे कोई शिकायत भी नहीं है। उनकी ज़ुबान से उनकी और बीजेपी की मंशा सुनकर कोई अफसोस भी नहीं है।
लेकिन सवाल ये है कि क्या यही लोकतंत्र है, और क्या बीजेपी का दावा सबका साथ-सबका विकास भरोसे के लायक़ है। इसके अलावा आज हालात ये हो गये हैं कि मुस्लिम शिक्षा से लेकर रोज़गार तक में पिछड़ गया है और अब उसकी सुरक्षा के लिए संकट खड़ा होता जा रहा है तो ऐसे में कथित मुस्लिम नेताओं के लिए चूड़ियां खरीदने के लिए मुस्लिम समाज कब पहल करेगा।
दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र और बेहद खूबसूरत भारत की फिज़ाओं को दूषित करने वालों से रिक्वेस्ट है कि सियासत के नाम पर दिलों को बांटने से परहेज़ करें। पूरी दुनियां हमारे आपसी प्यार और भाईचारे की चर्चा करती है, जिसपर हमें भी गर्व है।
आप ये बयान नीचे दिये गये लिंक पर सुन सकते हैं।
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