नई दिल्ली(15 अक्टूबर 2015)- साहित्यकारों द्वारा पुरुस्कार लौटाये जाने का मामला तूल पक़ड़ता जा रहा है। केंद्र सरकार के पक्ष में उसके मंत्री खड़े हो गये हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष ने भी इस मामले को हवा देनी शुरु कर दी है। इसी सबके बीच अब आम आदमी पार्टी ने भी साहित्कारों का पक्ष लेते हुए सरकार पर हल्ला बोला है। आम आदमी पार्टी द्वारा जारी एक बयान में इस मामले पर केंद्र सरकार को घरने की कोशिश की गई है।
देश में लगातार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन और बिगड़ते सांप्रदायिक माहौल के बीच एक तरफ तो साहित्यकार अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं तो दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार के मंत्री विवादित बयान दे रहे हैं। इस मामले में ताज़ा बयान केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का आया है, जिसमें उन्होने कहा है कि साहित्यकारों का पुरस्कार लौटाना प्रायोजित और बनावटी है। आम आदमी पार्टी केंद्रीय वित्त मंत्री के इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करती है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि ‘इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और उनके मंत्री इस तरह के माहौल पर अपने बयानों से देश के लेखकों और साहित्यकारों का अपमान कर रहे हैं। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी कलाकारों, लेखकों और साहित्यकारों की आवाज़ को बुलंद करने के लिए उनके साथ खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी’।