नई दिल्ली (3 जनवरी2015)-पूर्वोत्तर राज्यो के लोगों के साथ आए दिन होने वाली वारदातों को गंभीरता से लेते हुए सरकार सख्त हो गई है। देश में कई जगह हो रहे नस्लीय भेदभाव पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा उठाए गये क़दमों के बाद पूर्वोत्तर राज्यो के लोगो पर नस्लीय टिप्णी करने वालों को आर्थिक दंड के साथ ही पांच साल तक कैद हो सकती है । साथ ही इसे गैर-जमानती अपराध भी माना जाएगा ।
इस बारे में जानकारी देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बेजबरुआ समिति की सिफारिशें मंजूर किए जाने के दौरान दिल्ली में पत्रकारों से यह बात कही । गृहमंत्री ने कहा कि सरकार यह कदम महानगरों में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा चिंताओं और अन्य समस्याओं के समाधान के उपाय सुझाने के लिए गठित बेजबरुआ समिति की सिफारिशों के आधार पर उठा रही है ।
उन्होंने बताया कि समिति की सिफारिशों में विशेष रूप से मोमोज, चिंकी, चाइनीज, चीची, चू-चू जैसे शब्दों का जिक्र किया गया है । उन्होने बताया कि सरकार ने राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा चिंताओं और अन्य समस्याओं के निराकरण के उपाय सुझाने वाली बेजबरुआ समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है ।
गृहमंत्री ने कहा कि इस समिति ने पिछली जुलाई में अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश की थी इसके अध्ययन के बाद ही सरकार ने इन सिफारिशों को तय समय सीमा में लागू करने का फैसला लिया है । इन सिफारिशों में पूर्वोत्तर के लोगों को कानूनी सहायता देने के लिए अलग से कानूनी सेवा प्राधिकरण का गठन किया जाना साथ ही पूर्वोत्तर के हर राज्य से दिल्ली पुलिस में 20 लोगों को नौकरी देना प्रमुख है । इसके साथ ही इन लोगों के खिलाफ अपराधों में कमी लाने के उद्देश्य से भारतीय दंड संहिता में संशोधन करने पर भी विचार हो रहा है । सरकार का यह निर्णय दिल्ली मे आगामी विधान सभा चुनावो के मद्देनजर पूर्वोत्तर के लोगों को लुभाने के लिए उठाये गये कदम के रूप में देखा जा रहा है ।