नई दिल्ली (20जुलाई2017)- दिल्ली पुलिस का दावा है कि दिल्ली में अपराधिक वारदातों में पहले से कमी आई है। इसके लिए दिल्ली पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर पनी ही पीठ थपथपाती नज़र आ रही है। इस बारे में दिल्ली पुलिस ने सूचित किया है कि विभिन्न सक्रिय अपराध रोधी रणनीतियों के कारण विभिन्न श्रेणी के अपराधों में कमी आयी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में के मुताबिक दिल्ली पुलिस का कहना है कि वर्ष 2015 में पंजीकृत जघन्य अपराधों की संख्या 11,187 से घटकर वर्ष 2016 में 8,238 रह गयी। वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में जघन्य की संख्या में 26.36 प्रतिशत की कमी आयी है। वर्ष 2016 में डकैती के मामलों में 38.67 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 7.37 प्रतिशत, हत्या की कोशिश के मामलों में 16.1 प्रतिशत, लूट के मामलों में 35.72 प्रतिशत, दंगों के मामलों में 39.23 प्रतिशत, उगाही के लिए अपहरण के मामलों में 36.11 प्रतिशत और बलात्कार के मामलों में 2 प्रतिशत की कमी आयी है।
शहर में अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा विभिन्न ठोस उपाये किये गये। जिनमें –अधिक अपराध संभावित क्षेत्रों की विशेष पहचान/चित्रण करना और पुलिस संसाधनो की कुशलता पूर्वक तैनाती करना। पिकेट्स लगाना, गश्त करना, पीसीआर वाहन की अधिक उपस्थिति दर्शाना और आपात स्थिति से निपटने वाले वाहनों (ईआरवी) की तैनाती करना और अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले अधिक अपराध संभावित थानों में त्वरित कार्रवाई दल (क्यूआरटी) तैनात करना तथा सभी थानों में नियमित समन्वित जांच करना शामिल है। इनके अतिरिक्त अपराध के स्वरूप के आधार पर सामूहिक गश्त करना, किसी दुखद घटना को रोकने के लिए राजधानी में विभिन्न आसान स्थानों पर पराक्रम-वाहन तैनात करना, सक्रिय अपराधियों पर प्रभावी निगरानी रखना और त्वरित कार्रवाई के लिए अंधेरे वाले स्थानों के बारे में स्थानीय सेवा एजेंसियों के ध्यान में लाना भी इसमें शामिल है। उपरोक्त के अतिरिक्त कमजोर वर्गों जैसे महिलाएं, बच्चे, वरिष्ठ नागरिक, और उत्तर पूर्व राज्यों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा अन्य उपाय भी किये भी किये गये हैं।
गुरुवार को यह सूचना गृह राज्य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा में श्री मोतीलाल वोरा के प्रश्न के लिखित उत्तर में प्रदान की।